आरोग्य मंदिर या ताले का मंदिर? द्वारी PHC बना उपेक्षा का शिकार….

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रिखणीखाल प्रखंड के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/आयुष्मान आरोग्य मंदिर द्वारी (पैनों) में 5-6 ग्राम पंचायतों का अस्पताल है,जो कि 27 फरवरी 2025 से ताला लटका है।कहा जा रहा है कि जो चिकित्सक यहाँ तैनात था,उसकी अग्रिम सेवायें निरस्त की गई हैं। अब वह बेरोजगार होकर न्यायालयों के चक्कर काटने को मजबूर है।यहाँ जो डाक्टर थे उनका नाम रितेश था,वे एक कुशल व्यवहार व अपनी सेवा पर तत्पर रहते थे।इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर में उनके अलावा कोई भी कर्मचारी नियुक्त  नहीं था।अब इस अस्पताल में 40-45 दिनों से ताला लटका हुआ  है,तथा चाबी किसी गाँव वाले के सुपुर्द की गयी हैं। ये भी बताते चलें कि यह आयुष्मान आरोग्य केन्द्र गाँव के पंचायत भवन पर पर लगभग 45-50 सालों से चल रहा है।

 

अस्पताल के ताला लटके होने से ऐसा लगता है कि यहाँ के 20-25 गांवों के लोग सब स्वस्थ रहते हैं। इनको अस्पताल की आवश्यकता नहीं है।सरकार दावे व घोषणाएं तो बहुत करती हैं लेकिन धरातल पर सब शून्य नजर आती हैं। अब लोग बीमार होने पर किसी झोलाछाप डाक्टर के पास  जाने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि सरकार के तीन साल बेमिसाल का जश्न  तो महीनों तक मनाया जा रहा है,लेकिन   ये अस्पताल अपने बुरे दिनों को याद कर रहा है।पंचायत भवन पर अस्पताल चलने से ग्रामीण परेशान हैं, वे ग्राम पंचायत की बैठकें खुले आसमान के नीचे करने को मजबूर हैं। ऐसा कब तक चलता रहेगा।गाँव वासियों की मांग है कि अस्पताल के लिए भवन निर्माण किया जाये तथा इस ताले को खोलने के लिए शीघ्र किसी चिकित्सक व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जाये।

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