उत्तराखंड ख़बरनामा
हल्द्वानी (शेर अफगन)। निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। कई दिग्गज अपनी किस्मत मेयर, निकाय और नगर पालिका परिषद के चुनाव में अपना रहे हैं। 60 वार्ड वाली हल्द्वानी नगर निगम को लेकर भी सरगर्मियां जोरों पर हैं। भाजपा ने पहले हल्द्वानी नगर निगम को ओबीसी घोषित कर दिया जिसके बाद टिकट के मारामारी मच गई। भाजपा से गजराज सिंह बिष्ट ने भी दोवदारी ठोकी। इनके अलावा कंचन कश्यप, महेंद्र कश्यप समेत दर्जनों प्रत्याशी दौड़ में शामिल हो गए। अड़चन बढ़ी और आरक्षण को मंथन का दौर भी चला। ऐन वक्त पर हल्द्वानी सीट को सामान्य घोषित कर दिया गया जिसके बाद कांग्रेस ने ललित जोशी को प्रत्याशी घोषित कर दिया। अब भाजपा पशोपेश में आ गई कि प्रत्याशी किसे बनाया जाए। निवर्तमान मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला, प्रमोद तोलिया, माधवी उर्फ रेनू अधिकारी समेत कई दावेदार सामने आ गए। मैराथन मंथन हुआ। दो दिन नामों पर चर्चा हुई जिसके बाद भाजपा ने गजराज सिंह बिष्ट का नाम फाइनल कर दिया।
भाजपा यहीं पर मात खा गई। ओबीसी चेहरे को सामान्य सीट पर उतार दिया गया। यहां पर इस बात का जिक्र कर देना जरूरी है कि 1995 के छात्रसंघ चुनाव में ललित जोशी ने गजराज सिह बिष्ट को हरा कर सचिव पद पर कब्जा जमाया था। गजराज 1996 में सचिव बने थे। अब 29 साल बाद फिर दोनों आमने सामने हैं। वह भी शहर का प्रथम नागरिक बनने की होड़ में। इतिहास खुद को फिर दोहराया या फिर नई इबारत लिखी जाएगी। यह 25 जनवरी को मतगणना पूरी होने के बाद साफ हो जाएगा कि शहर की जनता ने किस पर भरोसा जताया है।
विदित हो कि हल्द्वानी 2012 में नगर निगम घोषित हुआ था और पहली बार 2013 में नगर निगम के चुनाव हुए। 2013 के मेयर के पहले चुनावों में भाजपा के डा. जोगेन्द्र सिंह रौतेला पहले मेयर बने। यहां पर समाजवादी पार्टी ने अप्रत्याशित प्रदर्शन किया और कांगेस को तीसरे नंबर पर धकेल दिया, जो कांग्रेस के लिए बड़ा आघात बनकर उभरा। 2018 के मेयर के चुनाव में भी भाजपा के डा. जोगेन्द्र सिंह रौतेला विपक्षियों पर भारी पड़े। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सुमित हृदयेश को दस हजार मतों के अंतर से हरा दिया। इस बार समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर रही। अब 2025 में एक बार फिर से भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने हैं लेकिन चेहरे इस बार बदल गए है। कांग्रेस ने ललित जोशी और भाजपा ने गजराज पर भरोसा जताया है। अगर बात करें अकेले हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र की यानि नगर निगम क्षेत्र की तो 37 वार्डों के 1 लाख 27 हजार से ज्यादा वोटर हैं। जबकि कालाढूंगी में 99 हजार के आसपास और लालकुआं विस सीट पर करीब 15 हजार वोटर है। ऐसे में हल्द्वानी विधानसभा के वोटर ही मेयर का चुनाव करेंगे। ऐसे में वोटरों का रूख क्या रहता है यह आने वाला ही समय ही बताएगा।