उत्तराखण्ड हरिद्वार

लाल किले पर झंडा फहराये जाने के मामले में संतो ने दुःख जताया,,हरीश रावत ने सरकार को उकसावे की बाते छोड़कर किसानों के साथ मामला तय करने की सलाह दी|

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हरिद्वार (वंदना गुप्ता) कल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली लाल किले मे किसान आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्वों द्वारा फहराए गए अपने ध्वज की घटना को लेकर हरिद्वार के साधु संतों में रोष है और हरिद्वार के साधु संत इस घटना से दुःखी नज़र आ रहे है वही हरिद्वार दौरे पर रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए सरकार को उकसावे की बाते छोड़कर किसानों के साथ मामला तय करने की सलाह दी है कल गणतंत्र दिवस के मौक़े पर दिल्ली में किसानों के आंदोलन की आड़ में लाल किले पर झंडा फहराये जाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह बात अब साफ समझ आ रही है की वह कौन लोग थे जब बड़े बड़े नेता जिनका जुड़ाव सत्ता से है वह इस मामले में सफाई देते नज़र आ रहे है आज के युग मे चहरे पहचान में आते है और इस घटना को करने वाले चहरे पहुचने जा रहे है इस मामले में सरकार को उकसावे की बाते छोड़कर किसानों के साथ मामला तय करना चाहिए जब किसानों द्वारा कहा जा रहा है कि नए कृषि कानून से उनकी बर्बादी होगी तो सरकार को कानून रद्द कर देने चाहिए।मगर इस मामले में सरकार हठधर्मिता अख्तियार किए हुई है लोकतंत्र में हठधर्मिता नही चलती है दीप सिंह सिद्धू के लिए सनी देओल सफाई दी रहे है अराजक तत्वों को अवसर मिलने से पहले सरकार को अपना रवैया लचीला बनाना चाहिए भाजपा किसानो को आंदोलन से भटकाने  के लिए किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए और अपनी विफलता छुपाने के लिए उपयोग करना चाहती है दिल्ली पुलिस द्वारा लाल किले पर कूच कर रहे किसानों को रोकने का कोई प्रयास नही किया गया पुलिस केवल मूकदर्शक बनी थी यह जो कुछ हुआ है वह दुर्भाग्य पूर्ण है वही इस घटना को लेकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी भी काफी दुःखी नज़र आए उनका कहना है कि भारत और राष्ट्र के लिए यह दुर्भाग्य पूर्ण घटना है सबसे ऊपर राष्ट्र होता है राष्ट्रीय ध्वज को उतरा जाना हमारी परम्पराओ के लिए नुकसान का विषय है इस घटना को लेकर मैं दुखी हूं भगवान उन लोगो को सद्बुद्धि प्रदान करें और ऐसी घटनाओ की पूर्णवृत्ति भविष्य में कभी ना हो ऐसी कामना है दिल्ली में कल लाल किले पर हुए दुःखद घटना क्रम में अब सफाई और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है आज भी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और केंद्र सरकार को जल्द इस मसले में किसानों से समझौता करने की सलाह तक दे डाली वही हरिद्वार के साधु संतो में भी इस घटना को लेकर रोष है अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार द्वारा इस घटना की पूर्णवृत्ति ना हो सके इसके लिए क्या जरूरी कदम उठाए जाते है और दोषियों को कितनी सख्त सजा जल्द से जल्द दी जाती है

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