उत्तराखण्ड ज़रा हटके रुद्रपुर

चप्पे-चप्पे पर रही वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी किसान और मजदूर महापंचायत के दौरान धड़कते रहे आला अधिकारियों के दिल…..

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दिल्ली, हरियाणा के किसान नेताओं का जुटा हुजुम भारी संख्या में महिलाओं ने की शिरकत

अब सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करना होगा-नरेश टिकैत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम का मिलकर करें विरोध-विर्क

किसानों ने नहीं उतरने दिया था सीएम हेलीकॉप्टर-विर्क

पहले गौरे से आजादी की लड़ाई अब कालो से लड़ेंगे-टिकैत

 रुद्रपुर-(एम् सलीम खान) पिछले 255 दिनों से कपनी प्रबंधन के खिलाफ हड़ताल पर बैठे श्रमिकों ने सिडकुल में मजदूर किसान महापंचायत में सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का आव्हान किया गया। इसके साथ ही सिडकुल क्षेत्र में चल रहे श्रमिकों के दमन पर भारी गुस्सा जताया गया। श्रमिकों और किसानों ने खुले मंच से कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी कि अगर अब भी अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

 

सिडकुल के पारले चौक पर इटर्राक मजदूर संगठन, संयुक्त मजदूर संगठन, संयुक्त मोर्चा ध संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर हुई महापंचायत में किसान नेता नरेश टिकैत व गुरनाम चढुनी ने हिस्सा लिया। वहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने सिडकुल में श्रम कानूनों के उल्लघंन पर भारी रोष जताया गया। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों व श्रमिकों की कोई चिंता नहीं है। मौजूदा समय में किसानों और मजदूरों के हालात बद से बद्तर हो गए हैं।

 

वक्ताओं ने कहा सरकारी मशीनरी पूंजी वाद को बढ़ावा दे रही है। महापंचायत में आव्हान किया गया कि सबको एकजुट होकर सरकार से एक और लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में अस्तित्व के लिए संघर्ष जरूरी है। वक्ताओं ने कहा कि अस्तित्व को बचाने का सवाल है।इसे बचाने के लिए पहले आजादी के लिए गौरों से लड़ाई लड़ी थी और अब अपने ही देश के कालो से लड़ाई लड़नी है। वक्ताओं ने कहा कि समय आ गया है जब एक निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएं। महापंचायत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि श्रम कानून मजदूर विरोधी है। उन्होंने कहा कि साल 1918 में शिकागो में श्रमिकों के लिए आठ घंटे काम करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। लेकिन मोदी सरकार ने इसको सम्पात करने का षड्यंत्र रच दिया।

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उन्होंने कहा कि अभी भी एक वर्ग अपने हितों के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूंजीपति किसानों और मजदूरों के हक पर डाका डाल रहे हैं।देर रात को प्रशासन ने काफी जिदों जहद के बाद महापंचायत आयोजित किए जाने की अनुमति दी थी सोमवार देर शाम तक यह महापंचायत आरंभ रही।इस पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी एक नजदीकी कंपनी में डेरा डाले रहें। किसानों और मजदूरों के सामने प्रशासन के गरम तेवर उस समय नरम पड़े जब किसानों और मजदूरों ने महापंचायत की अनुमति नहीं देने पर अपने गुस्से का इजहार किया।

 

गुस्सा देख जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के गरम तेवर नरम हो गये और उन्हें महापंचायत आयोजित किए जाने की अनुमति दे दी गई। सूबे के मुख्यमंत्री को सबक सिखाना होगा-विर्क तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। महापंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सबक सिखाने की जरूरत है। उन्होंने श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी बची कुची साख बचाने के चंपावत से उप विधानसभा चुनाव लडने जा रहें हैं।

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आप सब वहां जाएं और चंपावत के मतदाताओं को बताएं कि यह वही मुख्यमंत्री हैं जिसने हमें बेरोजगारी की आग में झोंकने का काम किया। उनसे भीख मांगे इसे यहां से भी हरा दीजिए, ताकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बेहतर सबक मिले। उन्होंने श्रमिकों से आव्हान किया कि मुख्यमंत्री धामी कल (आज) रुद्रपुर आ रहें हैं, उनके इस कार्यक्रम का विरोध करने की तैयारी करें। उन्होंने कहा कि श्रमिक भारी संख्या में जुटे और सीएम के कार्यक्रम का विरोध करें। उन्होंने श्रमिकों के आंदोलन को समर्थन देने का वादा किया। हिटलर सरकार में श्रमिकों का उत्पीडन बर्दाश्त नहीं-किसान नेता टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि यहां इतनी बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां स्थापित है।

 

क्या इन पर सरकार का नियंत्रण नहीं है।दौ सौ पचपन दिनों से तपती धूप में आंदोलन कर इन श्रमिकों की सरकार और प्रशासन ने आज तक कोई सुध नहीं ली,भाई मैं तो हैरत में हूं। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार गुगी बाहरी और भ्रष्ट हैं।इन फैक्ट्रियों से उसकी गहरी दोस्ती है, शाय़द इसलिए आपकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में बाबा का बुलडोजर गरीबों को बेघर कर रहा है।हम तो कहते हैं कि उन्हें रहने दो और कोई सरल उपाय ढूंढे।

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लेकिन उससे बुरा हाल तो उत्तराखंड का है, जहां मजदूरों का सरकारी मशीनरी की नाक के नीचे उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर समस्या का हल है। लेकिन यहां की सरकार आपकी समस्या का हल नहीं करना चाहतीं हैं। हमने तो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव में जनता से अपील की थी कि इन्हें सत्ता से बाहर रखे,

 

लेकिन हमारी बात को नहीं सुना गया। जिसके परिणाम आपके सामने है।अब अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए हमें और आपको कुर्बानी देने होंगी और भाजपा की सरकारों को सबक सिखाने होगा। वही महापंचायत के दौरान आला अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा।पल पल कड़ी निगरानी रखी गई थी। इसके अलावा खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट मोड़ पर रखा गया था।इस दौरान आयोजन स्थल पर एक फैक्टरी में उपजिलाधिकारी सदर प्रत्युष सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर अभय सिंह,सीओ बाजपुर वंदना वर्मा,उप जिलाधिकारी ललित नारायण मिश्र सहित अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे।

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