प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के बयान “ ज़ीरो टालरेंस से राज्य में सुशासन की पहल” पर कसे तंज

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प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने मा० मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत के बयान “ ज़ीरो टालरेंस से राज्य में सुशासन की पहल” पर चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी अपने चश्मे के नंबर की जाँच कराएँ, जिन्हें अपने चश्मे से कुशासन सुशासन दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री यह नही देख पा रहे है की स्कूलों में सत्र २०२०-२१ समाप्ति की और है और आज तक भी कमजोर वर्ग और वंचित समूह के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम के तहत स्कूलों में प्रवेश नही मिला हैं।

कोरोना संकट के दौरान जिन लोगों का रोज़गार छिन गया व बढ़ती बेरोज़गारी मुख्यमंत्री को नही दिखाई दे रही।हरिद्वार में ग्यारह वर्षीय मासूम बच्ची के साँथ बलात्कार कर दरिंदो ने मासूम को मार डाला, जिस पर मुख्यमंत्री का कोई बयान नही आया। वर्तमान समय में कोरोना महामारी से समूचा समाज आर्थिक  संकट से जूझ रहा है ऐसे में बिजली की दरें बढ़ा दी गई। डीज़ल, पेट्रोल, गैस सिलेंडर व शाक, सब्ज़ी ने सत्तर सालों का महंगाई का रिकार्ड तोड़ दिया। मुख्यमंत्री की नाक के नीचे औद्योगिक सलाहकार की कंपनी सोशल म्यूचवल बेनेफ़िट्स भाजपा शासन में खूब फल फूल रही जिसके लिये मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं। अन्नदाता किसान की पीढ़ा सरकार को सुनाई नही दे रही है । किसान आत्म हत्या कर रहे हैं। भाजपा सरकार किसानो के दर्द बाटने के बजाय किसान आंदोलन को अंग्रेज़ी साम्राज्य की तर्ज़ पर कुचलने का काम कर रही हैं।  ज़ीरो टालरेंस  की बात कर रहे मुख्यमंत्री स्वयं ही भ्रष्टाचार के मामले में मा० सर्वोच्च न्यायालय से अंतरिम राहत में हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार उत्तराखंड में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के ३१५ नाए मामले सामने आए है जो एक चिंतनीय विषय है। कोरोना काल में अपने प्रदेश वापस आए लोग फिर से पलायन कर गए। सरकार उनके स्थापित करने का लठ पिटती रह गयी । सरकार की सारी योजनाएँ भाजपा के विज्ञापनो को सुसज्जित करने भर रह गयी हैं, धरातल में कुछ भी नही है।

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