नैनीताल– उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे “देव भूमि उद्यमिता योजना” के अंतर्गत डीएसबी परिसर, नैनीताल में आयोजित दो दिवसीय बूट कैंप का आज सफल समापन हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्यमिता, स्टार्टअप एवं उद्यम स्थापना के विषय में जागरूक करना एवं उन्हें प्रशिक्षित करना था।
विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिए किया प्रेरित
इस बूट कैंप में विद्यार्थियों को स्टार्टअप संस्कृति, व्यवसायिक विचार, उद्यम स्थापित करने की प्रक्रिया तथा सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उत्तराखंड सरकार ने इस योजना के तहत उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद के साथ करार किया है, जिसके तहत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्टार्टअप एवं उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
प्रमुख वक्ता एवं महत्वपूर्ण जानकारियाँ
कार्यक्रम में उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद के प्रोजेक्ट ऑफिसर, अभिषेक नंदन मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को स्टार्टअप बैंक, स्टार्टअप आइडिया पुरस्कार एवं इस योजना के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर डीएसबी परिसर नैनीताल के नोडल अधिकारी, डॉ. विजय कुमार एवं प्रो. ललित तिवारी (विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान एवं निदेशक, विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल) ने कार्यक्रम का संचालन किया।
उपस्थित गणमान्य एवं विद्यार्थियों की भागीदारी
कार्यक्रम में परिसर निर्देश प्रो. नीता बोरा शर्मा, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. राजीव उपाध्याय एवं डॉ. विजय कुमार सहित महाविद्यालय के अन्य शिक्षाविद् उपस्थित रहे। इस बूट कैंप में लगभग 120 विद्यार्थियों ने भाग लिया और स्टार्टअप तथा उद्यमिता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं।
कार्यक्रम का सफल समापन
डॉ. विजय कुमार, नोडल अधिकारी, देवभूमि उद्यमिता केंद्र, डीएसबी परिसर नैनीताल द्वारा सभी मुख्य वक्ताओं, अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को नवाचार, स्व-रोजगार एवं स्टार्टअप के महत्व को समझाते हुए इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों ने स्व-रोजगार एवं स्टार्टअप के क्षेत्र में संभावनाओं को पहचाना और सरकार द्वारा दी जा रही सहायता का लाभ उठाने के लिए प्रेरित हुए। उत्तराखंड सरकार की इस पहल से भविष्य में प्रदेश के युवा स्वतंत्र रूप से उद्यम स्थापित करने एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनने की दिशा में अग्रसर होंगे।

