
हरिद्वार – मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 15 जुलाई तक कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए आज कैबिनेट बैठक में संशोधित अध्यादेश पर चर्चा की जाएगी, ताकि चुनाव की तिथि निर्धारित की जा सके। राज्य के 13 जिलों में, हरिद्वार को छोड़कर, 15 जुलाई तक चुनाव कराए जाने हैं।

पहले जारी अध्यादेश को उच्च न्यायालय ने स्पष्ट न होने के कारण लौटा दिया था। अब, संशोधित अध्यादेश में चुनाव की तिथि स्पष्ट रूप से निर्धारित की जाएगी। इसके बाद, यह प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा, और चुनाव की तिथि की घोषणा की जाएगी।
पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल छह महीने के बजाय अगले डेढ़ महीने तक बढ़ाया जा सकता है। यह निर्णय आगामी चुनावों की तैयारी के मद्देनजर लिया गया है।कैबिनेट बैठक में अध्यादेश पर चर्चा के बाद, इसे राज्यपाल को भेजा जाएगा, और चुनाव की तिथि की घोषणा की जाएगी। इससे संबंधित सभी अपडेट्स के लिए आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।
इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में जिला पंचायत, जनपद पंचायत अध्यक्ष और नगर परिषदों के अध्यक्षों का चुनाव डायरेक्ट प्रणाली अर्थात जनता से कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिवालय के अधिकारी प्रस्ताव की तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि इस मामले में खुलकर बोलने को कोई भी तैयार नहीं है। यह बदलाव हॉर्स ट्रेडिंग और बाहुबल को रोकने के उद्देश्य से किया जा रहा है। कैबिनेट में जल्द ही इस आशय का प्रस्ताव लाया जा सकता है।
मुख्य बिंदु:
- पंचायत चुनाव की तिथि आज कैबिनेट बैठक में तय होगी।
- राज्य के 13 जिलों में 15 जुलाई तक चुनाव कराए जाने हैं।
- पहले जारी अध्यादेश को उच्च न्यायालय ने लौटा दिया था।
- संशोधित अध्यादेश में चुनाव की तिथि स्पष्ट रूप से निर्धारित की जाएगी।
- पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल अगले डेढ़ महीने तक बढ़ाया जा सकता है।
- डायरेक्ट चुनाव प्रणाली की तैयारी की जा रही है।
यह निर्णय प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आगे की अपडेट्स के लिए आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।
