पौड़ी- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रवीण कुमार ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया लाल रक्त कोशिकाओं में होने वाली एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसके कारण लाल रक्त कोशिका का आकार अर्धचंद्र या हंसिया जैसा हो जाता है। एनीमिया यानी खून की कमी, आंखों में पीलेपन के साथ-साथ बदन में तेज दर्द, कोहनी व घुटनों में सूजन, बार-बार बुखार आना सिकल सेल के लक्षण हैं।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2047 से पहले सिकल सेल रोग उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत सिकल सेल रोगियों के उपचार व देखभाल में सुधार करना, स्क्रीनिंग तथा जागरूकता की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिकल सेल उन्मूलन अभियान में जनपद के जनजाति बाहुल्य दुगड्डा, यमकेश्वर, कोट, खिर्सू में 19 जून को सिकल सेल जागरूकता दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों की रक्त जांच की गई
तथा जनपद की समस्त चिकित्सा इकाईयों में सिकल सेल जागरूकता गतिविधियों का आयोजन गया। सिकल सेल रोग उन्मूलन मिशन के अंतर्गत गत वर्ष से जनजाति आबादी में शून्य से चालीस आयु वर्ग की स्क्रीनिंग की जा रही है। जिसके अंतर्गत जनपद में 2448 लोगों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है, जिसमे अभी तक 1278 लोगों की सिकल सेल की जांच की जा चुकी है
जिसमे अभी तक सभी लोग स्वस्थ पाए गए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा 19 जून से 3 जुलाई, 2024 तक होने वाले सिकल सेल जागरूकता अभियान पर लक्षित क्षेत्र में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए है। उन्होंने जनमानस से उक्त अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की है।
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