
लालकुआं: वन तस्करी और अवैध शिकार के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर डिवीजन की एसओजी टीम ने बीते छह महीनों में बड़ी कार्रवाई करते हुए 50 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। इस दौरान टीम ने एक दर्जन से अधिक वन तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जिनमें दो कुख्यात और मोस्ट वांटेड तस्कर भी शामिल हैं।
इन दोनों तस्करों की लंबे समय से तलाश थी, जो आखिरकार मुठभेड़ के दौरान गिरफ्त में आए। वन तस्करी और अवैध शिकार के मामलों में एसओजी टीम द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद तस्करों में हड़कंप मच गया है। वन विभाग द्वारा लगातार हो रही धरपकड़ से अब वन तस्करी के नेटवर्क पर गहरी चोट पहुंच रही है।
वन तस्करी के खिलाफ सख्त अभियान
तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर डिवीजन में वन संपदा को बचाने और अवैध तस्करी पर रोक लगाने के लिए एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी के नेतृत्व में बीते छह महीनों में कई अहम कार्रवाइयां की गईं। इस दौरान अवैध रूप से काटी गई खैर और सागौन की लकड़ी बरामद की गई, जबकि तस्करी में इस्तेमाल किए जा रहे कई वाहनों को भी जब्त किया गया है।
वन तस्करों पर शिकंजा कसते हुए एसओजी टीम ने जंगल से अवैध रूप से लकड़ी काटकर ले जाने वाले गिरोहों को बेनकाब किया। इस कार्रवाई में टीम ने उन तस्करों को भी दबोचा जो जंगली जीव-जंतुओं के अवैध शिकार में संलिप्त थे।
मोस्ट वांटेड तस्करों की गिरफ्तारी
वन विभाग की टीम ने बीते दिनों एक मुठभेड़ के दौरान दो ऐसे कुख्यात वन तस्करों को गिरफ्तार किया, जो लंबे समय से फरार थे और पुलिस तथा वन विभाग को चकमा देकर बचते आ रहे थे। ये दोनों तस्कर क्षेत्र में अवैध रूप से लकड़ी कटान और तस्करी के बड़े नेटवर्क से जुड़े थे।
गिरफ्तार किए गए तस्करों पर पहले से ही कई मामले दर्ज थे, लेकिन अब इन्हें दबोचकर जेल भेज दिया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई के बाद अन्य फरार तस्करों की धरपकड़ तेज कर दी गई है।
वाहनों पर भी चला वन विभाग का डंडा
एसओजी टीम ने न केवल तस्करों को पकड़ा, बल्कि तस्करी में इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों पर भी कड़ी कार्रवाई की है। बीते छह महीनों में दर्जनों छोटे-बड़े वाहन जब्त किए गए हैं, जिनका उपयोग लकड़ी और अन्य वन संपदा की तस्करी के लिए किया जाता था।
कई मामलों में तस्करों ने जंगल से चोरी की गई लकड़ी को छिपाने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल किया, लेकिन एसओजी टीम ने उनकी हर चालाकी को नाकाम कर दिया।
वन विभाग की सख्त चेतावनी
एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी ने बताया कि अवैध वन कटान और जीव-जंतुओं के शिकार के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि छह महीनों में 50 से अधिक मामले दर्ज कर कई वन तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा गया है। साथ ही, बड़ी मात्रा में खैर और सागौन की लकड़ी जब्त की गई है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर डिवीजन में किसी भी कीमत पर अवैध तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी व्यक्ति इस तरह की अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी अवैध तस्करी या वन संपदा की चोरी की सूचना मिलती है, तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
वन तस्करों में दहशत, अभियान रहेगा जारी
इस बड़ी कार्रवाई के बाद क्षेत्र में सक्रिय अन्य वन तस्करों में दहशत का माहौल है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, कई अन्य तस्कर अब अपनी गतिविधियां बंद कर चुके हैं या भूमिगत हो गए हैं।
वन विभाग की टीम ने स्पष्ट कर दिया है कि यह अभियान यहीं रुकने वाला नहीं है। आने वाले समय में भी अवैध तस्करों के खिलाफ इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जंगलों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

