(रुद्रपुर) कांग्रेस  और भाजपा के मेयर प्रत्याशियों ने  घर-घर जाकर जनसंपर्क किया….

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शम्मी मेहर की रिपोर्ट

रुद्रपुर – रुद्रपुर नगर निगम का चुनावी प्रचार अब तेज होता जा रहा है। कांग्रेस  और भाजपा के मेयर प्रत्याशियों ने  घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। अब 23 जनवरी को जब रुद्रपुर नगर निगम के मतदाता अपने-अपने मत का प्रयोग करेंगे, तो 25 जनवरी को तय हो जाएगा कि किस और विकास की अविरल धारा बहेगी या फिर मोहन की मुरलिया की तान सुनने को मिलेगी। रुद्रपुर नगर निगम का चुनाव लगभग 1 वर्ष से अधिक समय के बाद हो रहा है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस लंबे अरसे से इस नगर निगम चुनाव का इंतजार कर रही थी। वहीं पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भी अपने अनुज संजय ठुकराल के साथ नगर निगम चुनाव को लेकर बाट जोह रहे थे। जैसे ही नगर निगम चुनाव की घोषणा हुई तो भाजपा ने मेयर पद के लिए विकास शर्मा तो कांग्रेस ने मेयर पद के लिए मोहन खेड़ा को चुनावी समर में उतार दिया ।वहीं ठुकराल बंधुओ ने भी निर्दलीय नामांकन कर दिया। इसी दौरान ऐसा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ ठुकराल बंधुओ ने अपना नामांकन वापस ले लिया। जिसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं होने लगी। ठुकराल के नामांकन वापस लेने के बाद इस चुनावी समर में मेयर पद के मुकाबले में शर्मा और खेड़ा आमने-सामने आ गए। चुनाव चिन्ह आवंटित होते ही दोनों ने कमर कस ली और अपने-अपने समर्थकों के साथ व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया ।शर्मा और खेड़ा गली – गली मोहल्ले – मोहल्ले जाकर अपनी प्राथमिकताएं गिनाने लगे। जहां भाजपा प्रत्याशी शर्मा ने मतदाताओं को भाजपा की रीति नीति से अवगत कराते हुए उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही कहा कि यदि क्षेत्र की जनता भाजपा का मेयर चुनती है तो ट्रिपल इंजन की सरकार रुद्रपुर नगर निगम का तेजी से विकास करेगी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस मेयर प्रत्याशी मोहन खेड़ा भाजपा के पिछले 10 वर्ष के नगर निगम के कार्यकाल को असफल बताते हुए कहते हैं कि भाजपा ने रुद्रपुर की जनता से छलावा किया है ।

नजूल भूमि मालिकाना हक के नाम से जनता को धोखा दिया है। इसके अलावा 10 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा ने सीवरेज लाइन, जलभराव , सड़कों का विस्तार जैसी मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अब जनता भाजपा के बहकावे में नहीं आएगी और इस बार रुद्रपुर में निश्चित रूप से परिवर्तन होगा और कांग्रेस रुद्रपुर नगर निगम का चौमुखी विकास करेगी। अपने इन्हीं मुद्दों को लेकर शर्मा और खेड़ा जनता के दरबार के बीच पहुंच रहे हैं और जनता को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। रुद्रपुर नगर निगम में 40 वार्ड हैं। जहां भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम निर्दलीय पार्षद प्रत्याशियों की बाढ़ आई हुई है जो चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। वार्डों की अपनी अपनी समस्याएं हैं ।ऐसे में यह माना जा रहा है की वार्ड की जनता उस प्रत्याशी को पार्षद बनाकर नगर निगम पहुंचाएगी जो स्थानीय हो और वार्ड की समस्याओं से भलीभांति  परिचित हो ताकि वह उनका समाधान कर सके। आने वाले दिनों में यह चुनावी घमासान और तेज नजर आएगा। जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आती जाएगी ,वैसे-वैसे मेयर पद के दोनों प्रत्याशी इस चुनावी संग्राम में अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे, क्योंकि इस बार भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को कडी टक्कर देती हुई नजर आ रही है।

आने वाले दिनों में अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी इस चुनावी रंगत में अपना रंग घोलने आ सकते हैं। वहीं पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल का अभी तक विधिवत रूप से चुनावी अभियान में हस्तक्षेप नहीं हुआ है। ऐसे में दोनों प्रत्याशियों में से किसी को भी कम आंकना जल्दबाजी होगी। 25 जनवरी को तय हो जाएगा कि रुद्रपुर नगर निगम का ताज किसके सिर पर सजेगा किसको रुद्रपुर की जनता स्वीकार करती है और किसको वह दरकिनार करेगी।

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