हल्द्वानी:- सालों से चल रहा रेलवे भूमि का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है आपको बता दें इस मामले में देश के सर्वोच्च न्यायालय से कई बार स्टे भी आ चुका है। बावजूद इसके अब रेलवे की जमीन पर हुए कब्जों को हटाने की कवायद तेज हो गई है। मंगलवार को रेलवे अधिकारियों, के साथ स्थानीय प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में कब्जों को चिह्नित करने को ड्रोन से मैपिंग की गई।
वही नायब तहसीलदार हरीश बुद्धिस्ट ने जानकारी देते हुवे बतया कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से इंदिरानगर गेट तक रेलवे की जमीन पर ड्रोन से सर्वे किया गया। इससे ली गई फोटो के आधार पर अतिक्रमण चिह्नित किया जाएगा। साथ ही यह योजना बनाई जाएगी कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कैसे क्षेत्रों में जाया जाएगा। साथ ही अभी अतिक्रमण खाली कराने को लेकर तिथि नहीं बताई गई है।
रेलवे भूमि के के अतिक्रमण के मामले में कल हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है इससे पहले रेलवे पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट को कार्य की प्रगति दिखाते हुए रेलवे की भूमि की ड्रोन से मैपिंग शुरू कर दी है।
तहसीलदार हरीश बुद्धिस्ट ने बताया कि रेलवे पुलिस हल्द्वानी पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से लगातार इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं रेलवे भूमि के निरीक्षण के लिए आज ड्रोन से भूमि की मैपिंग की गई ड्रोन मैंपिंग के दौरान बनभूलपुरा थाने के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल रेलवे भूमि के इर्द-गिर्द तैनात रहा।
वही ड्रोन के उड़ने के दौरान लोग कौतूहल पूर्वक उसे देखने लगे। कई लोगों का कहना है कि अब इस मामले में कार्रवाई निश्चित है वही सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पिछली बार स्टे हो गया था इसके बाद रेलवे प्राधिकरण द्वारा इज्जत नगर में रेलवे की भूमि पर बैठे लोगों की लगातार कई महीनों तक सुनवाई की थी तथा उनके जमीन पर कब्जे संबंधी कागजों की तहकीकात भी की थी।
आज यानी 6 अप्रैल को होने वाली सुनवाई को लेकर तथा रेलवे के पक्ष में फैसले आने की स्थिति में प्रशासन और रेलवे ने अपनी ओर से तैयारी करने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। वही रेलवे की भूमि को खाली करने को लेकर हाईकोर्ट सख्त नजर आ रहा है इसी मामले में डीएम ने पिछले दिनों रेलवे से तैयारी के संबंध में जानकारी ली थी।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक-
हल्द्वानी रेलवे भूमि पर अतिक्रमण मुक्त करने के लिये असम व नागालैंड की पुलिस फ़ोर्स भी बुलाई जा सकती है हल्द्वानी, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
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