उत्तराखण्ड ज़रा हटके हल्द्वानी

सीमांकन में रेलवे लाइन से पूरब की ओर भी करीब 32 मीटर तक रेलवे की जमीन, सीमांकन अभी जारी है ……..

ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी। जिला प्रशासन, राजस्व, वन विभाग, रेलवे और नगर निगम ने रेलवे जमीन प्रकरण में संयुक्त सर्वे रविवार से शुरू कर दिया है। टीम रविवार सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक वन विभाग के सीमांकन पिलर खोजती रही। देर शाम तक वन विभाग के तीन सीमांकन पिलर खोजे गए। इसमें रेलवे लाइन से पूरब की ओर करीब 32 मीटर तक रेलवे की जमीन आ रही है। इसके बाद वन विभाग की जमीन है। पहले दिन के सर्वे में ये बात सामने आई कि रेलवे की जमीन गौला रोखड़ की ओर भी है। सोमवार से टीम दोबारा सर्वे शुरू करेगी।

 

चोरगलिया रोड से गौला नदी में भी है रेलवे की सात मीटर जमीन……

यह भी पढ़ें 👉  सड़क सुरक्षाओं के मध्यनजर पौड़ी पुलिस का सघन चेकिंग अभियान लगातार जारी…..

हल्द्वानी संयुक्त सर्वे में सामने आया कि चोरगलिया रोड रेलवे क्रासिंग से गौलापार को जाने वाली रोड से पूर्व गौला नदी में रेलवे की सात मीटर जमीन है। हाजी अब्दुल मलिक ने बताया कि प्रशासन की ओर से बनाई गई कमेटी में उन्हें भी रखा है। कहा कि पहले रेलवे की पटरी नदी में ही थी। वर्ष 1935 से 1942 में आई बाढ़ के कारण रेलवे ट्रैक बह गया था। इसके बाद रेलवे की लाइन हल्द्वानी की ओर शिफ्ट हो गई । उन्होंने कहा कि आज प्रशासन के सीमांकन में भी यह बात सामने आ रही है।

एडीएम अशोक जोशी के नेतृत्व में सुबह 10 बजे टीम चोरगलिया रोड के पास स्थित चिराग अली शाह बाबा की दरगाह पर पहुंची। यहां से टीम ने वन विभाग के सीमांकन पिलर संख्या दो के लिए नपाई शुरू की। इसमें वन विभाग का पिलर गौला नदी में मिला। यहां से सीमांकन करना संभव नहीं था। इसके बाद टीम शनि बाजार वाली रोड स्थित रेलवे क्रासिंग पर पहुंची। यहां नक्शे के हिसाब से सड़क का मिलान कर सर्वे शुरू किया गया। सबसे पहले वन विभाग की जमीन के सीमांकन पिलर खोजे गए।

यह भी पढ़ें 👉  किच्छा चीनी मिल का उद्घाटन चढ़ा राजनीति की भेंट

 

वन विभाग की जमीन के बाद रेलवे की है जमीन…….

हल्द्वानी प्रशासन पहले वन विभाग की जमीन का सीमांकन कर रहा है। वन विभाग का सीमांकन का काम पूरा होने के बाद रेलवे की जमीन की नपाई होगी। इसके बाद राजस्व जमीन की नपाई होगी। वन विभाग की जमीन के बाद रेलवे की इसके बाद राजस्व की जमीन है। वन विभाग के नक्शे में मौजूद सीमांकन पिलर संख्या 10 रेलवे लाइन से करीब 32 मीटर दूर गौला रोखड़ की ओर मिला। इसके बाद संयुक्त टीम ने पिलर संख्या नौ, पिलर संख्या आठ का सीमांकन किया जो रेलवे लाइन से करीब 32.5 मीटर पूरब की ओर था।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- (दुखद) यहां तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बच्ची को रौदा......

 

इसके बाद पिलर संख्या सात का सीमांकन हुआ। यहां पर हाजी अब्दुल मलिक ने आपत्ति जाता ते हुए कहा कि उनके पास मौजूद रेलवे के नक्शे हैं  यह रेलवे लाइन से 668 फीट पर आना चाहिए जो की  कम आ रहा है। अंधेरा होने के बाद एडीएम ने सर्वे रुकवा दिया। सोमवार को यहां से दोबारा सर्वे शुरू होगा।

Leave a Reply