Breaking News

महापौर विकास शर्मा ने ट्रांजिट कैंप मुख्य मार्ग पर नई लाइटों का किया शुभारंभ…. वेंडिग जोन में दुकानें मिलने से खिले लघु व्यापारियों के चेहरे…. ईद के दिन दोस्त बना कातिल: जसपुर में नशे में धुत समीर ने चाकू से गोदकर अरमान अली की हत्या…. विकासखंड़ों में स्थानों के अनुसार अलग-अलग प्लानिंग करके सात दिनों में ब्लॉक डेवलपमेंट प्लान तैयार करें: डीएम…..  साइबर ठग इन्स्टाग्राम आईडी को रिकवर कराने व ऑनलाइन शॉपिंग के पार्सल को डिलीवर करने के नाम पर करते थे साइबर ठगी…. पौड़ी पुलिस एकल नागरिकों, निराश्रित बुजुर्गों के द्वार पहुंचकर कुशल क्षेम पूछने के साथ साथ कर रही राशन किट का वितरण….

विकासखंड ताकुला के ग्राम सुनौली में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनी कृषि का आधार….

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

ख़बर शेयर करें -

सफलता की कहानी….

अल्मोड़ा-मुख्य कृषि अधिकारी डी कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत विकासखण्ड ताकुला के ग्राम सुनौली में कृषि सिंचाई को बढ़ावा दिये जाने हेतु 1.996 लाख की लागत से एक चैकडेम का निर्माण किया गया है। इसके द्वारा गाॅव की लगभग 50 से 70 है कृषि भूमि सिंचित की जाती है तथा सिंचाई जल से धान, गेहूॅ, मडुवा आदि के साथ-साथ शिमला मिर्च, गोभी, टमाटर, बीन्स आदि फसलों एवं सब्जियों का उत्पादन अच्छी मात्रा में किया जा रहा है।

 

पूर्व में गाॅव में पानी के स्रोत तो उपलब्ध थे परन्तु उनका उपयोग कृषि कार्यों में नही हो पा रहा था। ग्राम पंचायत द्वारा गूल का निर्माण किया गया परन्तु सिंचाई हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध नहीं हो रहा था। कृषि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत बिनसर गाड़ नामक गधेरे पर चैकडेम का निर्माण किया गया जिससे गदेरे के पानी को रोक कर लगभग 30000 ली0 पानी को एकत्र कर उसे एक सिंचाई गूल के द्वारा ग्राम पंचायत द्वारा बनी सिंचाई गूल से जोड़ा गया जिससे गाॅव के खेतों को सिंचाई हेतु जल प्राप्त हो रहा है।

 

ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित 04 कि0मी0 लम्बी इस गूल से लगभग 80 परिवार लाभान्वित हो रहे है तथा जल की उपलब्धता के रहते पूर्ण परिश्रम एवं मेहनत से कृषि, उद्यान तथा पशुपालन का कार्य कर रहे है एवं अच्छा उत्पादन प्राप्त करके अधिक लाभ भी प्राप्त कर रहे है। पूर्व में पानी उपलब्ध न होने के कारण गाॅव के अधिकांश कृषक खेती करना छोड़ चुके थे तथा जो खेती कर भी रहे थे वह अत्याधिक परिश्रम और लागत पश्चात् भी अनुकूल उत्पादन प्राप्त नहीं कर पा रहे थे।

Leave a Comment

और पढ़ें

error: Content is protected !!