मानव एकता दिवस’ पर काशीपुर में सेवा और समर्पण की मिसाल बनी निरंकारी मिशन की पहल…..

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काशीपुर – प्रेम, भाईचारा और मानवता का संदेश लेकर निरंकारी मिशन द्वारा प्रति वर्ष मनाया जाने वाला ‘मानव एकता दिवस’ इस बार भी पूरे देश में सेवा, श्रद्धा और समर्पण की भावना के साथ मनाया गया। यह विशेष दिन बाबा गुरबचन सिंह जी की पुण्य स्मृति को समर्पित होता है, जो समाज में एकता, सौहार्द और निःस्वार्थ सेवा का संदेश देता है।

इस अवसर पर संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा भारतभर में 500 से अधिक शाखाओं पर रक्तदान शिविरों की अविरल शृंखला चलाई गई। दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड नंबर-8, बुराड़ी में आयोजित प्रमुख शिविर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। संपूर्ण भारतवर्ष में लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्र किया गया, जो मिशन की सेवा भावना का प्रतीक है।

काशीपुर और जसपुर शाखा में भी हुआ उल्लेखनीय योगदान

जसपुर शाखा में स्थानीय मुखी अरुण गर्ग की देखरेख में 32 यूनिट रक्तदान हुआ, जिसमें काशीपुर एलडी भट्ट राजकीय चिकित्सालय की ब्लड बैंक टीम ने योगदान दिया। काशीपुर शाखा के श्रद्धालु भी जसपुर पहुँचकर इस अभियान में जुड़े और मानव कल्याण में भागीदारी निभाई।

सेवा दल की पीटी रैली और सत्संग से गूंजा नगर

काशीपुर शाखा में शाम को सेवा दल की पीटी रैली निकाली गई, जिसमें सतगुरु बाबा गुरबचन सिंह जी की शिक्षाओं के साथ चाचा प्रताप सिंह जी जैसे समर्पित संतों के योगदान को याद किया गया। शाम 6:30 बजे से विशाल सत्संग का आयोजन हुआ, जिसमें जोनल इंचार्ज जसविंदर सिंह जी ने मिशन की सेवाओं का उल्लेख करते हुए मानवता की राह पर चलने का संदेश दिया। स्थानीय मुखी राजेन्द्र अरोड़ा ने सभी श्रद्धालुओं और सेवा में लगे सेवादारों का आभार व्यक्त किया। सत्संग में ढकिया नंबर 1 और 2, कुंडेश्वरी, हरी नगर, परतापुर, पैगा जैसे क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए।

देश के प्रमुख अस्पतालों की भागीदारी

इस महाअभियान में AIIMS, RML, GTB, LNJP, सफदरजंग, DDU, हिन्दू राव जैसे नामचीन अस्पतालों की मेडिकल टीमें शामिल हुईं। रक्तदाताओं के लिए स्वास्थ्य जांच, स्वच्छता और जलपान की उत्तम व्यवस्था की गई, जिससे यह अभियान और भी व्यवस्थित एवं सम्मानजनक बन सका।

सेवा ही सच्चा धर्म

यह दिवस केवल रक्तदान तक सीमित नहीं, बल्कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के करुणा भरे मार्गदर्शन का सजीव रूप है। “मानवता ही सर्वश्रेष्ठ धर्म है” — इसी प्रेरणा को आत्मसात करते हुए निरंकारी मिशन आज भी सेवा, समर्पण और एकत्व की राह पर चलकर समाज को सकारात्मक दिशा दे रहा है।

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