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मतदान प्रक्रिया तक नौ अधिकारियों और कर्मचारियों की हुई मौत,चुनाव आयोग ने मांगी जांच रिपोर्ट

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जिलाधिकारी युगल किशोर पंत स्वयं करेंगे जांच

चुनाव आयोग को भेजी जाएगी जांच रिपोर्ट

 रुद्रपुर-(एम् सलीम खान) उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान यानी 14 फरवरी तक इस प्रक्रिया में लगे करीब नौ अधिकारियों और कर्मचारियों की मौत हो गई थी। यह सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी थे। वही करीब आठ कर्मचारी अलग-अलग घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हो गए। वही इनमें से पांच अधिकारियों और कर्मचारियों की एकाएक तबियत बिगड़ने से मौत हो गई थी। वही इनकी मौतों को लेकर अड़चन पैदा हो गई है।

 

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जिसके बाद निर्वाचन आयोग द्वारा जिलाअधिकारियो से इस मामले में जांच रिपोर्ट मांगी है। इनमें से एक अधिकारी की मौत पर पीसीएस संगठन ने दखल दिया है। जनपद ऊधम सिंह नगर के बाजपुर चीनी मिल के महाप्रबंधक कैलाश चन्द्र टोलियां को गदरपुर विधानसभा का निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था। वही टोलियां की नियुक्ति 8 दिसंबर 2021 को जारी अधिसूचना के मुताबिक की गई थी। जिसके बाद उनकी अचानक तबियत बिगड़ी और उन्हें हल्द्वानी के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था,

 

जहां उनकी मौत हो गई थी।उस दौरान विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी थी, और आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी थी। जिसकी वजह से उनकी मौत को निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान नहीं माना था। जिसके कारण पीसीएस अधिकारियों में सख्त नाराजगी थी।इस पूरे मामले में पीसीएस संगठन ने दखल देते हुए संगठन के अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग को लिखित तौर पर आवेदन कर दिया था। संगठन का कहना था कि अधिसूचना संख्या 434 के अनुसार टोलियां की नियुक्ति की गई थी।

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पांच फरवरी को इसकी जांच जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर युगल किशोर पंत ने मांगी थी। चुनाव प्रक्रिया के दौरान यदि किसी की मौत हो जाती है तो निर्वाचन आयोग की ओर से उसके परिवार को 15 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। वही घायलों को भी उनकी स्थिति के अनुसार मुआवजा देने का प्राविधान है। वही उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि कर्मचारियों के साथ अगर कोई दुर्घटना निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान होती है तो उन्हें मुआवजा देने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के तहत राहत दी जाएगी।यह जानकारी मीडिया कर्मियों को पीसीएस संगठन की ओर से दी गई।

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