रुदुपुर- उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में न्यूजीलैंड के एक वैज्ञानिक दल ने पशुपालन और डेयरी उद्योग से जुड़े विभिन्न फार्मों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय किसानों, डेयरी विशेषज्ञों और पशुपालकों से मुलाकात कर आधुनिक डेयरी तकनीकों, पशु पोषण, दुग्ध उत्पादन और सतत कृषि पद्धतियों पर विस्तृत चर्चा की। वैज्ञानिकों ने प्रदेश में डेयरी उद्योग को और अधिक उन्नत बनाने के लिए संभावनाओं का भी मूल्यांकन किया।
न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने डेयरी तकनीकों का किया अध्ययन
न्यूजीलैंड डेयरी तकनीकों और पशुपालन के क्षेत्र में अग्रणी देशों में से एक है। इस दौरे के दौरान विशेषज्ञों ने उत्तराखंड के डेयरी उद्योग की मौजूदा स्थिति का आकलन किया और किसानों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पशुपालन करने के सुझाव दिए। वैज्ञानिकों ने विशेष रूप से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, उन्नत नस्लों के विकास, हरे चारे की उपलब्धता, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन और पर्यावरण के अनुकूल डेयरी फार्मिंग पर जोर दिया।
पशुपालकों ने वैज्ञानिकों से आधुनिक मशीनों, जैविक खाद के उपयोग, दूध की गुणवत्ता सुधारने की तकनीकें और पशु रोगों की रोकथाम से जुड़े सवाल पूछे। न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे उनके देश में डेयरी उद्योग को अत्याधुनिक तकनीकों से जोड़ा गया है, जिससे दुग्ध उत्पादन में तेजी आई है और किसानों को अधिक लाभ हो रहा है।
मुख्यमंत्री धामी से शिष्टाचार भेंट, डेयरी उद्योग में सहयोग पर हुई चर्चा
निरीक्षण के बाद न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार पशुपालन और डेयरी उद्योग को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने भी मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए उत्तराखंड के डेयरी सेक्टर को मजबूत करने के लिए अपनी तकनीकी सहायता और विशेषज्ञता साझा करने की बात कही। दोनों पक्षों ने पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में परस्पर सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बातचीत की। वैज्ञानिकों ने मुख्यमंत्री धामी को न्यूजीलैंड में डेयरी फार्मिंग की उन्नत पद्धतियों के बारे में जानकारी दी और उत्तराखंड में भी इन्हें लागू करने की संभावनाओं पर चर्चा की।
उत्तराखंड में डेयरी और पशुपालन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
इस दौरे को उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह राज्य के डेयरी और पशुपालन उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता से स्थानीय किसानों को नई तकनीकों, मशीनों और डेयरी उद्योग की नवीनतम खोजों के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे दुग्ध उत्पादन में सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
राज्य सरकार भी इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सरकार पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनमें डेयरी फार्मों का आधुनिकीकरण, पशु चिकित्सा सुविधाओं में सुधार और डेयरी उत्पादों के विपणन के लिए नए प्लेटफॉर्म विकसित करना शामिल है।
स्थानीय किसानों में उत्साह, नई तकनीकों से होगी मदद
इस दौरे से स्थानीय किसानों और पशुपालकों में खासा उत्साह देखा गया। एक स्थानीय डेयरी किसान ने कहा, “हमने न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों से कई नई बातें सीखी हैं। उनकी तकनीकों को अपनाकर हम दूध उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकते हैं और अपने मवेशियों की सेहत का बेहतर ध्यान रख सकते हैं।”
एक अन्य किसान ने कहा कि यदि सरकार न्यूजीलैंड की डेयरी तकनीकों को उत्तराखंड में लागू करने के लिए कोई पहल करती है, तो इससे राज्य के दुग्ध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि हो सकती है।
उम्मीदों से भरा यह दौरा
न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों का यह दौरा उत्तराखंड के डेयरी और पशुपालन क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। अगर सरकार और स्थानीय किसान आधुनिक तकनीकों को अपनाने की दिशा में ठोस कदम उठाते हैं, तो उत्तराखंड न केवल अपनी दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि कर सकता है, बल्कि इसे एक प्रमुख डेयरी उत्पादक राज्य के रूप में भी स्थापित कर सकता है।
इस दौरे से यह संकेत मिलता है कि भविष्य में उत्तराखंड और न्यूजीलैंड के बीच कृषि और डेयरी क्षेत्र में और अधिक सहयोग देखने को मिल सकता है, जिससे स्थानीय किसानों और पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा।

