
नैनीताल- नैनीताल में हाल ही में सामने आए नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा करते हुए शुक्रवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आमसभा बुलाई, जिसमें अधिवक्ताओं, वरिष्ठ सदस्यों और न्यायिक प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर कानून व्यवस्था पर चिंता जाहिर की और पीड़िता को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की।

बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष दुर्गा सिंह मेहता ने की, जबकि संचालन महासचिव वीरेन्द्र सिंह रावत ने किया। बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाए, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके और समाज में एक मजबूत संदेश जाए।
सदस्यों ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कुछ असामाजिक तत्व इस संवेदनशील मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। बार एसोसिएशन ने प्रशासन से अपील की कि ऐसे तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्कता बरती जाए।
बैठक में सोशल मीडिया पर अधिवक्ताओं और न्यायपालिका के खिलाफ की जा रही अभद्र टिप्पणियों और वीडियो प्रसारण को लेकर भी रोष व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने इसे न्यायिक प्रणाली की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला और कानून की अवमानना करार दिया। इस पर एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि ऐसे मामलों में **कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट** (अवमानना) की कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति न्यायपालिका की मर्यादा को भंग करने का साहस न कर सके।
इस अहम बैठक में डॉ. एम.एस. पाल (चेयरमैन, बार काउंसिल), नवनीश नेगी, कमलेश तिवारी, डी.सी.एस. रावत, जयवर्धन काण्डपाल, सुखबानी सिंह, योगेश पचोलिया, विनोद तिवारी, संजय भट्ट, प्रभा नैथानी सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल हुए।
साथ ही प्रेम प्रकाश भट्ट, मधु नेगी सामंत, भुवनेश जोशी, संगीता अधिकारी, मीना बिष्ट, सुहास रतन जोशी, अक्षय लटवाल, दीप चंद्र जोशी, राहुल अधिकारी, बी.एस. बोरा, सिद्धार्थ साह, विनायक पंत, दीपा आर्या, इंदु शर्मा और लता नेगी समेत अनेक अधिवक्ताओं ने बैठक में भाग लेकर प्रस्ताव का समर्थन किया।
आपको बता दें हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की यह बैठक केवल न्याय के पक्ष में आवाज़ उठाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि कानून की गरिमा, सामाजिक सौहार्द और न्यायिक मर्यादा की रक्षा की दिशा में एक सशक्त और संगठित प्रयास के रूप में सामने आई है।
