नई दिल्ली/हल्द्वानी: “श्री गौ रक्षा समिति उत्तराखंड” “राष्ट्र माता” घोषित करवाने और गौ हत्या पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर एक ऐतिहासिक आंदोलन की घोषणा की गई है। जगतगुरु शंकराचार्य श्री 1008 अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में यह आंदोलन देशभर के सनातन धर्मावलंबियों को एकजुट करने का प्रयास करेगा।
“श्री गौ रक्षा समिति उत्तराखंड” ने इस संबंध में हल्द्वानी में एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर इस अभियान को व्यापक जनसमर्थन देने की अपील की है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत जैसे सनातन धर्म प्रधान देश में, जहां 100 करोड़ से अधिक हिंदू गौ माता को अपनी माता मानते हैं, वहां आज भी गौ हत्या जारी है।
महत्वपूर्ण आयोजन एवं मांगें…..
📅 आयोजन विवरण:
तिथि: 17 मार्च 2025 (सोमवार)
समय: प्रातः 7:00 बजे से सांय 5:00 बजे तक
स्थान: रामलीला मैदान, दिल्ली
इसके अतिरिक्त, हल्द्वानी में जो लोग दिल्ली नहीं जा सकते, वे बुद्ध पार्क, तिकोनिया में इकट्ठा होकर आंदोलन का समर्थन कर सकते हैं।
✊ आंदोलन की प्रमुख मांगें:
गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए।
गौ हत्या पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
राजनीतिक दल अपने रुख को स्पष्ट करें – क्या वे गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा देने के पक्ष में हैं?
यदि शाम 5:00 बजे तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो सनातनी हिंदू समाज इन राजनीतिक दलों के प्रति अपने रुख का निर्धारण करेगा।
शंकराचार्य का ऐतिहासिक संकल्प
सनातन धर्म के सबसे बड़े ध्वजवाहक भगवान शंकराचार्य जी ने ढाई हजार वर्षों में पहली बार इस विषय पर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। वे गौ माता को केवल एक पशु की श्रेणी से हटाकर राष्ट्र माता घोषित करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जगतगुरु शंकराचार्य श्री 1008 अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने स्पष्ट कहा है कि गौ माता सनातनी हिंदुओं के लिए केवल एक पशु नहीं, बल्कि माता के समान पूजनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता के 78 वर्षों में सभी राजनीतिक दलों ने केवल गौ माता के नाम पर राजनीति की, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया।
शंकराचार्य जी ने सभी सनातनी हिंदुओं से आह्वान किया है कि वे 17 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के इस महाअभियान का हिस्सा बनें।
“श्री गौ रक्षा समिति उत्तराखंड” का आह्वान
“श्री गौ रक्षा समिति उत्तराखंड” ने सभी गौ भक्तों से अपील की है कि वे व्यक्तिगत निमंत्रण का इंतजार न करें। यह आंदोलन किसी व्यक्ति या संस्था का नहीं, बल्कि संपूर्ण सनातनी समाज का है। सभी हिंदू युवाओं, बुजुर्गों, माताओं-बहनों और गौ भक्तों को इस आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
अगर कोई दिल्ली नहीं जा सकता, तो वह हल्द्वानी के बुद्ध पार्क, तिकोनिया में सूर्योदय के बाद एकत्र होकर गौ माता के समर्थन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए।
यह आंदोलन भारतीय राजनीति और सनातन संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अब यह देखना होगा कि राजनीतिक दल गौ माता के प्रति अपने रुख को स्पष्ट करते हैं या नहीं। यदि सरकार और राजनीतिक दल इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाते, तो सनातनी समाज अपने तरीके से भविष्य की रणनीति तय करेगा।
17 मार्च का दिन भारतीय इतिहास में गौ माता के सम्मान और सुरक्षा के लिए एक निर्णायक दिन साबित हो सकता है!

