कोटद्वार- विगत रविवार को कोटद्वार डिपो की एक बस में मेरठ से कोटद्वार व्यावसायिक सामान पेठे का अवैध परिवहन किया जा रहा था जिसके बाद किसी स्थानीय पत्रकार ने इसकी वीडियो बनाकर मंडलीय प्रबंधक देहरादून को भेजी जिस पर उन्होंने सहायक महाप्रबंधक कोटद्वार को जांच रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए थे ।
जांच रिपोर्ट भेजने के बाद मंडलीय प्रबंधक, देहरादून ने चालक व परिचालक का स्थानांतरण पर्वतीय डिपो देहरादून कर दिया था । सूत्रों के अनुसार चालक और परिचालक गुरुवार को अपनी यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मंडलीय प्रबंधक, देहरादून को मिलने गए जिसके बाद उन्होंने इस मामले में जांच की बात रखी ।
मंडलीय प्रबंधक ने दस दिन के अंदर सहायक महाप्रबंधक, हरिद्वार को उक्त मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है । अब सवाल यह उठता है कि जो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है जिसमें स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि बस का परिचालक 6 से 7 कैरट निकलवा रहा है । जिसके बाद वह सभी कैरेट एक रिक्शे में ले जाई जा रही है ।
खास बात तो यह है कि बस में सात कैरेट पेठा लाया गया जिसका वजन लगभग तीन से चार कुंटल के मध्य बताया जा रहा है किंतु इसके बावजूद परिचालक ने किसी भी प्रकार के सामान का टिकट ही नहीं बना रखा है । यह बात समझ से बाहर है कि उक्त संबंध में रोडवेज के अधिकारी चालक व परिचालक को क्यों बचाना चाहते हैं ।
जब इस संबंध में जीएम रोडवेज दीपक जैन से फोन पर बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है आप मंडलीय प्रबंधक, देहरादून से बात कर लीजिए । जिसके बाद मंडलीय प्रबंधक देहरादून संजय गुप्ता ने बताया कि उक्त मामले में चालक – परिचालक का स्थानांतरण कर दिया गया था
किन्तु उनके द्वारा जांच की मांग की गई थी जिस कारण सहायक महाप्रबंधक, हरिद्वार को दस दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है साथ ही बताया कि उन कैरेटों में पैठा नहीं बल्कि सब्जी थी ।इस प्रकरण में जल्दी ही जीएसटी टीम भी चालक व परिचालक से पूछताछ कर सकती हैं ।
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