
गाजियाबाद – जिला कारागार डासना में माननीय न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान (उच्च न्यायालय, इलाहाबाद) ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार दशम, जिलाधिकारी दीपक मीणा, पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जसवीर सिंह यादव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुमार मिताक्षर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
महिला बंदियों के लिए नई पहल
निरीक्षण के दौरान न्यायमूर्ति चौहान ने महिला अहाते में चंदन का पौधारोपण किया और महिला बंदियों के शिक्षण व प्रशिक्षण के लिए ‘कल्पना चावला पुस्तकालय’ और ‘ब्यूटीशियन ट्रेनिंग सेंटर’ का शुभारंभ किया। साथ ही, उनके साथ रह रहे बच्चों को गिफ्ट किट वितरित की गईं।
बंदियों के कल्याण की दिशा में कदम
निरीक्षण के दौरान माननीय न्यायमूर्ति ने जेल चिकित्सालय, पाकशाला, एक्टिविटी सेंटर, नृत्य एवं संगीतशाला, और आर्ट गैलेरी का अवलोकन किया। इस दौरान बंदियों ने संगीत, भजन-कीर्तन और नृत्य प्रस्तुतियां दीं, जिसकी न्यायमूर्ति चौहान ने मुक्त कंठ से सराहना की।
‘जेल रेडियो परवाज’ से संदेश
न्यायमूर्ति ने कारागार में स्थापित ‘जेल रेडियो परवाज’ के माध्यम से बंदियों को संबोधित करते हुए उन्हें अच्छे नागरिक बनने और देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
बंदियों के उत्पादों के लिए ‘डासना जेल आउटलेट’ का उद्घाटन
निरीक्षण के दौरान न्यायमूर्ति चौहान ने बंदियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पादों जैसे एम्ब्रॉयडरी, पेंटिंग, पॉटरी, बेकरी आइटम, दीये, मोमबत्तियां और पौधे के विक्रय हेतु बनाए गए ‘डासना जेल आउटलेट’ का उद्घाटन किया।
जिला कारागार अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बंदियों के पुनर्वास, कौशल विकास और विधिक सहायता से जुड़े प्रयासों की जानकारी दी। न्यायमूर्ति चौहान ने कारागार प्रशासन की अनुशासन, स्वच्छता और पुनर्वास कार्यक्रमों की सराहना की और इन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
यह निरीक्षण कारागार सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ, जिससे बंदियों को आत्मनिर्भर बनने और समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने का अवसर मिलेगा।

