जालौन जिले के कुठौंद कस्बे के नवासी गांव में बकरी से जन्मे दो बच्चों को देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। बच्चों का आकार बिल्कुल इंसानी बच्चों की तरह था। शरीर पर कोई बाल नहीं थे। हाथ-पैर जरूर बकरी की तरह ही थे, लेकिन मुंह काफी हद तक इंसानों के बच्चों की तरह लग रहा था। यह देख गांव के लोगों का बच्चों को देखने के लिए तांता लग गया। हालांकि, जन्म के पांच मिनट बाद दोनों ही बच्चों ने दम तोड़ दिया।
कुठौंद के इस गांव के रहने वाले पशुपालक कमलेश दोहरे की बकरी ने मंगलवार को दो बच्चों को जन्म दिया। बच्चे देखने से लग रहे थे कि उनका कम प्रसव काल में जन्म हुआ है। चेहरे की बनावट और पूरा आकार इंसानों की बच्चों की तरह लग रहा था। हालांकि, हाथ और पैर बकरी की तरह ही थे। जैसे ही लोगों को यह जानकारी हुई, कोतुहल बन गया। आसपास और दूर दराज गांव के लोग बकरी के इन बच्चों को देखने कमलेश के घर आने लगे।
बच्चे बेहद कमजोर थे। जन्म के पांच मिनट बाद ही दोनों की मौत हो गई। पशु चिकित्सक इस मामले में वैज्ञानिक कारण बता रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा अनुवांशिक विकार के कारण होता है। इस विकार के कारण बच्चों के शरीर में अत्यधिक तरल पदार्थ भर जाता है, जिससे उनकी बनावट बदल जाती है।
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