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गुरुदेव फाउंडेशन द्वारा ‘धोलिदा गरबा 2024’ का आयोजन…..

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गुरुदेव फाउंडेशन ने रॉयल रेजीडेंसी में ‘धोलिदा गरबा 2024’ का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर महिलाएं अपने पारंपरिक संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए एकत्रित हुईं। कार्यक्रम में धोल और डांडिया नृत्य का आयोजन किया गया, जिससे सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिली। इस आयोजन में रोजी को ‘धोलिदा क्वीन’ का खिताब मिला। उन्होंने बताया कि यह उनका पहला अनुभव था क्योंकि उनके धर्म में धोलिदा का आयोजन नहीं होता है।

 

इसके बावजूद उन्होंने एकता और भाईचारे का संदेश दिया, कहकर कि सभी धर्म एक हैं और हम सभी सिर्फ भारतीय हैं। उनके इस बयान ने उपस्थित लोगों को प्रेरित किया और इस कार्यक्रम में एकता का संदेश दिया। इसके अलावा, किरण को ‘बेस्ट ड्रेस’ का खिताब मिला, और एमएस परफेक्ट का खिताब सुभ्रा को दिया गया। कार्यक्रम की एंकरिंग गुरुदेव फाउंडेशन की संचालिका, हर्षिता शर्मा और तयारी दीपा शर्मा ने की। निर्णायक मंडल में हर्षिता शर्मा  साथ-साथ दीप शर्मा और ऑनलाइन रूप से एम ऐसे सेवा संस्था की अध्यक्ष मीरा श्रोत्रिय जी भी शामिल थे।

 

मुख्य अतिथि, सरवती मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्ष रेनु शरण जी थी धोलिदा गरबा 2024 का शुभारंभ माता की पूजा से गुरुदेव फाउंडेशन द्वारा आयोजित धोलिदा गरबा 2024 का शुभारंभ माता की पूजा से हुआ, जिसमें माँ की ज्योत जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद, महिलाओं ने धोल और डीजे पर भजन गाते हुए गरबे का आनंद लिया। इस अवसर पर रोजी, जो इस्लाम धर्म से हैं, ने हनुमान जी के बारे में पूछे गए सवालों का उत्तर देकर एक सकारात्मक संदेश दिया। उन्होंने बताया कि हम सभी एक हैं, चाहे किसी भी धर्म से हों,

 

और हमें एकजुट होकर समाज में भाईचारे और समरसता की भावना को बढ़ावा देना चाहिए। यह पहली बार हो सकता है जब किसी इस्लामी महिला को धोलिदा क्वीन का खिताब दिया गया हो, जो हमारे समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है। इसने यह सिद्ध किया कि हम सभी भारतीय हैं और हमें मिल-जुलकर रहना चाहिए, चाहे हमारे धर्म या संस्कृति कोई भी हो। स्नेहा ने इस अवसर पर सुंदरकांड के कुछ पद भी साझा किए, जो कार्यक्रम में एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाते थे। यह आयोजन सभी के लिए एक मिसाल है

 

कि सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के बावजूद हम सभी एक हैं और हमें अपने समाज में एकता और प्रेम बनाए रखना चाहिए। इस कार्यक्रम में कई महिलाएं उपस्थित थीं, जिनमें अभिलाषा, रिंकी, स्वस्ति, स्नेहा, अराधना, दीप, स्वाति, चाँदनी, निधि, पल्लवी, किरण, और प्रीति  थीं। यह आयोजन महिलाओं के सामूहिक उत्साह और संस्कृति के प्रति प्रेम का प्रतीक बना।

 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, सरवती मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्ष रेनु शरण जी, जो कि ऑनलाइन रूप से सम्मिलित थीं, उन्होंने सभी महिलाओं को प्रोत्साहित किया और सभी विजेताओं को सर्टिफिकेट्स भेजे।” और कहा कि इस प्रकार, नोएडा में आयोजित यह धोलिदा गरबा केवल एक सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं  बल्कि यह समाज में एकता और समरसता का प्रतीक भी बना।

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