दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी को उजड़ने से पहले सर छुपाने की जगह देने की मांग
हल्द्वानी-(अजीत कुमार पांडे) दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी को उजड़े जाने का मामला कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत दरबार में जा पहुंचा। शनिवार को केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद उत्तराखंड ईकाई के अध्यक्ष एम सलीम खान के नेतृत्व में दिव्यागो के एक शिष्य मंडल ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से मुलाकात की। केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद उत्तराखंड ईकाई के अध्यक्ष एम सलीम खान ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को सौंपे एक पत्र में बताया कि दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी अपने परिवार सहित पिछले 18 वर्ष से फाजलपुर महरौला डिग्री कालेज के गेट पर झोपड़ी डाल कर रह रहा है।
उसके पास सर छुपाने के लिए इसके अलावा कोई जरिया नहीं है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी की एक पुत्री भी दिव्यांग श्रेणी में आतीं हैं।एम सलीम खान ने कमिश्नर दीपक रावत को बताया कि दोनों पैरों से पूर्ण रूप से दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी उसी स्थान पर साइकिल की मरम्मत का कार्य कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा उसे एक नोटिस जारी कर उसकी झोपड़ी हटाने का नोटिस जारी किया है। जिससे उसका परिवार सदमे है।
उन्होंने बताया कि दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी और उसके परिवार को अपने सर से साया छिनने का भय बना हुआ है। उन्होंने बताया कि रुद्रपुर तेहसील प्रशासन ने एक सर्वे में निजामुद्दीन अंसारी को जगह देने के पात्रता की श्रेणी में माना है। इस मामले में तेहसील प्रशासन द्वारा उसी जगह बसे पांच परिवारों को जफ्फरपुर के गांव समपतपुर में पट्टे जारी कर उन्हें बसा दिया गया। लेकिन दिव्यता अंसारी को जगह नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि आरक्षण के अनुसार तेहसील प्रशासन और जिला प्रशासन को सबसे पहले दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी की आर्थिक स्थिति पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए, उसे जगह देने चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कमिश्नर दीपक रावत को सौंपे गए पत्र में मांग की गई कि दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी को उजड़ने से पहले जिला प्रशासन उसकी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उसे किसी सुरक्षित स्थान पर बसने का काम करें। कमिश्नर दीपक रावत ने इस मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पीडी शर्मा से दूरभाष पर बातचीत करते हुए सारी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एन एच आई 87 के द्वारा दिव्यांग निजामुद्दीन अंसारी को उचित मुआवजा दिया जाए। इससे मामले में कमिश्नर दीपक रावत ने संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिए जाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने इस पूरे मामले में स्थानीय अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि वह इस मामले पर गंभीरता से कार्रवाई करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को देंगे। कमिश्नर दीपक रावत ने इस दौरान पूरे मामले की विस्तृत जानकारी ली। जिसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों द्वारा जगह ख़ाली करने से पहले एक उचित मुआवजा राशि दिए जाने का प्रावधान है।
इस मामले में कमिश्नर दीपक रावत ने राजमार्ग के पीडी शर्मा से दूरभाष पर बातचीत करते हुए, जरुरी दिशा-निर्देश दिए हैं। इस दौरान केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद उत्तराखंड ईकाई के अध्यक्ष एम सलीम खान, वरिष्ठ सदस्य राजफूल राज,अमीर अहमद, निजामुद्दीन अंसारी मौजूद थे।
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