
हल्द्वानी – चोरगलिया रेलवे क्रॉसिंग से गौलापार को जोड़ने वाली क्षतिग्रस्त सड़क को लेकर आठ महीनों से ग्रामीणों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा था। जब बार-बार दिए गए आश्वासनों के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो शुक्रवार को ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। उनकी इस कड़ी कार्रवाई ने प्रशासन को झकझोर दिया, जिसके बाद अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और सड़क सुधार कार्य शुरू कर दिया।
आठ महीने से बंद थी सड़क, ग्रामीणों की परेशानी हुई थी बढ़ी
पिछले साल हुई भारी बारिश के कारण गौलापार की ओर जाने वाली इस सड़क का बड़ा हिस्सा गौला नदी में समा गया था। इसके चलते प्रशासन ने सड़क को अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। हालांकि, बाद में क्षतिग्रस्त हिस्से की बैरिकेडिंग कर केवल छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया, लेकिन सड़क की पूरी मरम्मत नहीं की गई। इससे क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
20 दिन में सड़क सुधारने का वादा पूरा न होने पर फिर शुरू हुआ आंदोलन
कुछ दिनों पहले प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि 20 दिनों के भीतर सड़क मरम्मत का कार्य पूरा कर दिया जाएगा, जिसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन को स्थगित कर दिया था। लेकिन जब तय समय बीत जाने के बावजूद भी सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा और उन्होंने भूख हड़ताल का फैसला लिया।
प्रशासन के आश्वासन पर समाप्त हुई हड़ताल
भूख हड़ताल शुरू होते ही प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने में जुट गए। अधिकारियों ने कार्यस्थल पर मौजूद छोटे-छोटे पेड़ों को हटवाने का कार्य शुरू करवाया और आश्वासन दिया कि अब काम बिना किसी देरी के सुचारू रूप से चलता रहेगा। इसके बाद ग्रामीणों ने हड़ताल समाप्त कर दी।
ग्रामीणों की सतर्कता से ही हुआ सुधार कार्य शुरू
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब तक जनता अपनी मांगों को लेकर एकजुट नहीं होती और दबाव नहीं बनाती, तब तक प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं करता। ग्रामीणों की जागरूकता और संघर्ष के कारण अब उम्मीद है कि चोरगलिया की यह सड़क जल्द ही पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी और क्षेत्र के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।

