वो चमकता सितारा अमावस की रात के काले अंधेरे को चीरता हुआ ना जाने इस अनंत आकाश में अपनी रोशनी बिखेरता हुआ हमेशा के लिए विलुप्त हो गया ढाडूखाल ने अपना एक और चमकता सितारा खो दिया जो अपनी यादों की रोशनी पीछे छोड़ गया अभी भी विश्वास नहीं होता की हमारा सबसे प्रिय छात्र दिवंगत अमित अब हमारे बीच नहीं है हम सभी के लिए यह दुख ऐसी क्षति है जिसे पूरा नही किया जा सकता और ना ही उसकी कोई पूर्ति कर सकता है
जब कभी भी अमित का स्मरण होता तो चेहरे पे एक मुस्कान सी आ जाती थी । उसका वो निश्चल , हंसता हुआ चेहरा याद आता है, उसकी जिंदादिल बातें, अपने जूनियर्स के लिए चिंतित होना, सब की मदद के लिए हमेशा तैयार, जब भी मौका मिलता अपने गुरुजनों को मिलने विध्यालय आना सब की कुशलक्षेम पूछना , एक मधुर गायक। उसका अपने फेवरेट गुरु जी असवाल सर के लिए लिखा गाना सबको याद है मुझे उसे पढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ ,
जब पहली बार अमित मुझे मिला उसके मिलनसार स्वभाव ने मुझे प्रभावित किया कहने लगा की काश आप पहले आ जाते तो हमलोग बहुत आगे तक खेलने जाते वैसे हमे असवाल सर ले जाते थे गेम्स में, जब कभी भी कन्ही भी दिख जाता तो आवाज देकर रोकता और बड़ी गर्मजोशी से मिलता कहते है की जो अनमोल होता है वो बहुत कम होता है शायद ईश्वर ने भी अपनी अनमोल चीज वापस ले ली पूरा विध्यालय परिवार शोकसंतप्त है,
हमारी ईश्वर से विनम्र प्रार्थना है कि दिवंगत अमित की आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे वा शोकाकुल परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे, हम सभी की अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि प्रिय अमित को, जो हमेशा हमारी यादों में रहेगा उसका वो हंसता चेहरा हमेशा हम सब को प्रेरणा देता रहेगा।
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