उत्तराखण्ड रुद्रपुर

मुख्यमंत्री धामी सहित 44 माननीयों ने नहीं दिया सम्पत्ति का ब्यौरा

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विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना में हुआ बड़ा खुलासा

रुद्रपुर-(एम् सलीम खान) काशीपुर राज्य में भ्रष्टाचार नियंत्रण व पारदर्शी पर दावेदारी पेश करने वालें बड़े नेता ही कुछ ऐसे मामलों में घिर गए हैं जो खुद के ही चुनाव आयोग के आदेशों की धज्जियां उडा रहें हैं। उत्तराखंड के 71 विधायकों में से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सहित 44 विधायकों ने अपना सम्पत्ति विवरण ही विधानसभा को नहीं दिया है।यह पूरा मामला उस समय सामने आया जब सूचना अधिकार के कार्यकता नदीम उद्दीन को विधानसभा के सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई है।

 

काशीपुर के रहने वाले सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड के मंत्रियों और विधायकों के सम्पत्ति का ब्यौरा संबंधी सूचना मांगी थी। जिसके जवाब में विधानसभा के सूचना अधिकारी/उप सचिव लेखा हेम चन्द्र ने अपने पत्र संख्या 487 दिनांक 22 फरवरी 2022 से सम्पत्ति विवरण संबंधी सूचना उपलब्ध कराई थी।इस सूचना के मुताबिक इस बार विधायक बनने के बाद कोई भी सम्पत्ति विवरण न देने वाले विधायकों की सूची में 44 विधायक के नाम शामिल हैं।

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इसमें सात मंत्रियों तथा नेता प्रतिपक्ष का नाम भी शामिल हैं। सूची में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर मंत्री सुबोध उनियाल, अरविंद पाण्डेय,रेखा आर्या, बंशीधर भगत, स्वामी यतेशवरानद, और विशन सिंह चुफाल का नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का नाम भी शामिल हैं। वही इस सूचना मे आपत्ति का विवरण नहीं दिया गया है।इस सूची में मंत्रियों के अलावा प्रीतम सिंह, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, राजकुमार, सुरेन्द्र सिंह नेगी, मनोज रावत, विनोद कण्डारी,विजय सिंह पंवार, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव सिंह, हरबंस कपूर, आदेश चौहान, सुरेश राठौर, देशराज करणवाल, ममता राकेश, फुरकान अहमद, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन,काजी मौहम्मद निजामुद्दीन, संजय गुप्ता, ऋतु खंडूरी,

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दलीप सिंह रावत, हरीश सिंह, मीना गगोली, महेश सिंह,करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल,राम सिंह केडा, दीवाना सिंह बिष्ट, आदेश चौहान, राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला,सौरभ बहुगुणा,प्रेम सिंह, मुन्नी देवी, चन्द्र पंत, महेश सिंह जीना जी आई जी मैन विधायक शामिल हैं। इसके अलावा बीस अन्य विधायक ऐसे हैं भी जिन्होंने अपनी सम्पत्ति दायित्वों का प्रथम अनुसूची का विवरण तों दिया है लेकिन द्वितीय अनुसूची का सम्पत्ति विवरण का वार्षिक विवरण नहीं दिया है।इन विधायकों में प्रेमचंद अग्रवाल, केदारनाथ सिंह, गणेश जोशी, बलवंत सिंह,धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, विनोद चमोली, हरभजन सिंह चीमा, खजाना दास, चंदन राम,भरत सिंह चौध,मदन कौशिक, महेश भट्ट,पूरन सिंह, कैलाश चन्द्र गहतोड़ी,

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यशपाल आर्या, प्रीतम सिंह पंवार, रघुनाथ सिंह चौहान, संजीव आर्या,हरक सिंह रावत, शामिल हैं।नदीम उद्दीन ने बताया कि उत्तर प्रदेश मंत्री तथा विधायक आस्तियों दायित्वों का प्रकाशन अधिनियम 1975 की धारा 3 के अनुसार मंत्रियों तथा विधायकों का नियुक्त या निर्वाचित होने के तीन महीने के भीतर विधानसभा सचिव को अपनी सम्पत्ति दायित्वों का विवरण देने का कर्त्तव्य है। इसके बाद धारा 4 के अनुसार हर वर्ष तीस जून तक पूर्व वर्ष की समाप्ति प्राप्ति व खर्च व दायित्वों का विवरण देना होता है। संवाददाता एम सलीम खान की रिपोर्ट

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