उत्तराखण्ड उधमसिंह नगर

श्रमिक संगठनों की महापंचायत निलंबित श्रमिकों को बहाल करने की मांग

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रुद्रपुर (एम सलीम खान ) इन्टारार्क मजदूर संगठन पन्तनगर ऊधम सिंह नगर के बैनर तले रुद्रपुर रुद्रपुर के अंबेडकर पार्क में श्रमिक संगठनों ने महापंचायत का आयोजन किया।इस महापंचायत में विभिन्न श्रमिक संगठनों ने भाग लिया। महापंचायत में श्रमिकों के परिजनों ने भी भाग लिया।इन्टारार्क मजदूर संगठन सिडकुल पन्तनगर व इन्टरार्क संगठन किच्छा के बैनर तले मजदूर महापंचायत ने महापंचायत की।इस दौरान महापंचायत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि इटरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट सिडकुल पंतनगर व किच्छा उधम सिंह नगर उत्तराखंड मालिक व प्रबंधन द्वारा अप्रशिक्षित ठेका व कैजुअल मजदूरों, अप्रेंटिस व प्रशिक्षित के छात्रों को प्रतिष्ठान उपरोक्त में खतरनाक मशीनों व मुख्य उत्पादन गतिविधियों में कार्य कराकर मजदूरों के जान-माल से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हद तो यहां तक हो चुकी हैं कि ठेके के तहत नियोजित सुपरवाइजरों के निर्देशन में स्थाई मजदूरों से जबरन कार्य करवाया जाता है। जबकि श्रम विभाग द्वारा ठेकेदारों को महज लोडिंग-अनलोडिग के कार्य करवाने को ही लाइसेंस प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन द्वारा ठेकेदारों के लाइसेंसों का खुला दुरुपयोग कर व कंपनी के प्रमाणित स्थाई आदेशों का घोर उल्लंघन कर उक्त गैरकानूनी कृत्य किया जा रहा है। जिससे आय दिन श्रमिकों के अंग भंग होकर श्रमिक दिव्यांग हो रहें हैं। वक्ताओं ने कहा कि मानवता के खिलाफ घोर अपराध है। प्रतिष्ठान उपरोक्त भारी इंजीनियरिंग उधोग है जहां पर बड़े बड़े भवनों, कारखानों,पुर्लो, रेलवे, रोडवेज, एयरपोर्ट,बेयर हाउस आदि के लिए लोहे व स्टील की बिल्डिंग मैटेरियल तैयार की जाती है, इसलिए यहां पर ठेकेदारों व कैजुअल के मजदूरों अप्रशिक्षित छात्रों को मुख्य उत्पादन गतिविधियों में नियोजित करना काननून प्रतिबंध है। कंपनी प्रबंधन श्रम अधिकारियों आदि को अनगिनत बार इस मामले से अवगत कराने के पश्चात भी कंपनी मालिक, प्रबंधन व ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना अत्यंत चिंताजनक व संदिग्ध है। श्रमिक वक्ताओं का कहना था कि कंपनी प्रबंधन द्वारा लिखित समझौता दिनांक 15 दिसंबर 2018 के बाद भी 32 श्रमिक को निलंबित बर्खास्त करने की कार्रवाई को आज तक उन्हें बहाल करने की कार्यवाही नहीं की गई। पिछले चार सालों से मजदूर के वेतन में वृद्धि नहीं की गई है। मांग पत्रों पर आज तक सुनवाई नहीं की गई।।बोनस व एल टी एल भी काट दिया जाता है। मजदूरों का घोर उत्पीड़न व शोषण कर प्रबंधन औधिगिक अशांति उत्पन्न कर रहे हैं। जिससे दोनों कंपनियों के श्रमिक हड़ताल पर जाने को विवश हो रहे हैं। श्रमिकों ने कहा कि 31 अक्टूबर को आयोजित महापंचायत द्वारा सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि यदि श्रम विभाग द्वारा 1 सप्ताह के भीतर प्रतिष्ठान उपरोक्त में मानवता के विरुद्ध किए जा रहे उपरोक्त गैरकानूनी कृत्यों रोकना लगाए जाने की स्थिति में हम मजदूर महिलाएं ट्रेड यूनियनों व सामाजिक संगठनों के अधोहस्ताक्षरी गण मानवता की रक्षा में स्वयं ही प्रतिष्ठा उपरोक्त में चल रहे गैर कानूनी व घ्रणित कृत्यों पर रोक लगाने को स्वतंत्र होंगे। इसकी समझ जिम्मेदारी कंपनी मालिक प्रबंधन व श्रम विभाग पर होगी। वही महापंचायत को इन इटरार्क मजदूर संगठन सिडकुल पंतनगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह, इटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के अध्यक्ष राकेश कुमार, श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, करोलिया लाइट इम्प्लाइज यूनियन के हरेंद्र सिंह, इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट, डेल्टा एंप्लाइज यूनियन के भुवन पंत, शिरडी श्रमिक संगठन के रामगोपाल, ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर के अभिलाष सिंह, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनियन के रामजीत सिंह, बजाज मोटर्स यूनियन के चंदन मेवाड़ी, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी जोशी, राने मद्रास एम्पलाइज यूनियन के कमलेश कार्की, पारले मजदूर संघ के प्रमोद तिवारी आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान महापंचायत में मजदूरों के परिजनों ने भी भाग लिया।

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