उत्तराखण्ड हल्द्वानी

लापरवाही-यातायात नियमों से खिलवाड़ कर रहे हैं रिक्शा व टुकटुक – बीच रोड से ही ले रहे हैं यू टार्न पुलिस का नहीं है खौफ

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हल्द्वानी। (धीरज भट्ट)यातायात निमयों के साथ खिलवाड़ करने में रिक्शा व टुकटुक वालों को अहम रोल है। या यूं कहें कि हल्द्वानी की यातायात व्यवस्था को बदहाल बनाने में भी ये जिम्मेदार हैं। सड़क पर ये कब हादसे को न्यौता देदे ये कहा नहीं जा सकता है। ज्ञात हो कि हल्द्वानी महानगर में जैसे-जैसे बसासत बढ़ती जा रही है उस अनुपात में यहां की सड़कें सिकुड़ती जा रही है। हालाकि इस दौरान सड़कों पर वाहनों का भी दबाव बढ़ते जा रहा है जिनमें रिक्षा व टुकटुक वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। टुकटुक आ जाने से सड़कों पर रिक्षों की संख्या घट रही है। इधर यातायात का निमयों का उल्लंघन करने में दोनों वाहन कम नहीं हैं। देखने में आता है कि ये जहां-तहां से सवारियों को बैठा लेते हैं और सड़क में बिना आगे-पीछे देखकर ही अपने वाहन को मोड़ लेते हैं जिससे वाहन हादसे का डर बना रहता है। वहीं अनेक बार इससे इनमें सवार सवारियां भी चोटिल हो जाती हैं। इधर भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर रिक्षे व टुकटुक वाले सड़क तक को घेरे रहते हैं जिससे वहां पर जाम लगने की संभावना बनी रहती हैं।

पुलिस वालो का भी नहीं है खौफ

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हल्द्वानी। रिक्षे व टुकटुक वाले जिस प्रकार की हरकतें करते हैं उससे ये अन्दाजा लगाया जा सकता है कि इन वालनों को पुलिस का भी खौफ नहीं है। इसका उदाहरण यहां कालाढूंगी रोड चैराहे पर देखकर लगाया जा सकता है। यहां पर अक्कर पुलिस व यातायात सिपाही लगे रहते हैं लेकिन इनकी गतिविधियों पर अंकुष नहीं लग पा रहा है।

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यातायात नियमों को भी दिखा रहे हैं ठेंगा

हल्द्वानी। यातायात नियम तोड़ने में  रिक्षा भी पीछे नहीं हैं। अमूमन एक रिक्षे में दो सवारियंा पास हैं। इधर कुछ रिक्षे षहर के  अन्दर वाले सम्पर्क मार्गों पर तीन सवारियां भी बैठाने में परहेज नहीं कर रहे हैं। हालाकि रिक्षे वालों का कहना है कि वे दो ही सवारी बैठाते हैं लेकिन कभी कभार एक ही परिवार या घर के सदस्य होने पर वे एक ही वाहन में जाने की जिद करते हैं और सवारी बैठाना उनकी मजबूरी हो जाती है।

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जहां-तहां खड़े कर देते हैं वाहन

हल्द्वानी। टुकटुक वालों केे लिए अलग से कोई स्टेंड निर्धारित नहीं हैं। जहां पर रिक्षा खड़े होते हैं वहीं ये भी अपना वाहन खड़ा करते हैं। इधर ये अपना वाहन इधर-उधर लगाने में भी गुरेज नहीं करते हैं। कभी-कभार इनके वाहन अन्य वाहनों से टकराने से बाल-बाल बच जाते हैं। विगत दिनों बरेली रोड पर एक टुकटुक वाले की लापरवाही एक की जान पर भारी पड़ गयी।

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