रुद्रपुर (एम सलीम खान) वरिष्ठ किसानों से मुलाकात स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद बढ़ाए-राज्यपाल ) पंतनगर गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय के दूसरे दिन के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय का दौरा किया। इस दौरान ट्रीट इकाई का उद्घाटन पौधारोपण भी किया गया। राज्यपाल ने मंगलवार को दूसरे दिन विभिन्न स्थानों से आए प्रगतिशील किसानों से भी मुलाकात की और उनके किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान किसानों वाह स्वयं सहायता समूह ने कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय के पास अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया। इसमें निखिलेश भट्ट एवं उनकी पत्नी कविता भट्ट ने कोटाबाग से घराट चक्की से बने हुए विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किए गए। इसके अलावा सागर नाथ निवासी बिंदु खेड़ा में मेडिसिन पौधों से काली हल्दी आमा हल्दी इत्यादि से निर्मित बूस्टर उत्पाद को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा राज्यपाल ने उत्तराखंड के नौकरी केंद्रों के माध्यम से स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए जैविक उत्पादों जैसे कीवी शहद मंडुवा काला चावल बिस्किट आदि को भी प्रदर्शित किया। राज्यपाल ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि उत्पाद की पैकिंग उच्च गुणवत्ता के साथ हो। जिससे अधिक से अधिक लाभ अर्जित किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने उत्पादों को बड़े स्तर पर बनाए ताकि बाजारों में उनके उत्पादों की मांग बनी रहे। दोपहर बाद राज्यपाल ने गांधी हॉल में कृषकों के साथ परिचर्चा कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें राज्यपाल गुरमीत सिंह के साथ उत्तराखंड किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह कुलपति डॉक्टर तेज प्रताप ने भी भाग लिया। इस दौरान अनेक कृषक उपयोगी जानकारियां साझा की गई। इसमें राज्यपाल गुरमीत सिंह ने विश्वविद्यालय में विकसित कृषि सब्जी फल इत्यादि संबंधित विकसित तकनीकी की प्रशंसा करते हुए इन तकनीकों को कृषकों तक हस्तांतरित करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि तकनीकी हस्त्रतणर मैं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका होती है अतः यह भी बधाई के पात्र हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में उत्तराखंड का कृषक जागरूक हो रहा है और वह विकसित तकनीकी का लाभ उठाकर अपना एवं प्रदेश का मान बढ़ाएगा ऐसा उन्हें विश्वास है। उन्होंने मुख्य रूप से कहा कि अगली सदी उत्तराखंड की होगी जिसमें प्रदेश के युवा उत्तराखंड के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उत्तराखंड किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदारी तराई से पलायन की बात कही।
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