रामनगर (सलीम अहमद )हाल ही में राज्य सरकार ने किसान विधेयक बिल पास करते समय किसानो को जो सपने दिखाये थे वो अब टूटते नजर आ रहे है किसान विधेयक बिल को लेकर आम किसान अब बहुत परेशान नजर आ रहा है महगाई चरम पर हैं और किसानों को अपनी फसल के सही दाम ना मिलने से किसानों के सामने अब साहूकार के बढ़ते कर्ज व परिवार की रोजी रोटी का संकट खड़ा होने लगा है किसानों का कहना है कि सरकार हमारे धान को नहीं खरीद पा रही है और हम लोग अपने धान को औने पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर हैं जहां एक और भाजपा सरकार किसान विधेयक को किसान के हित में होने का ढिढोरा पिट रही हैं वही उसका असली चेहरा अब किसानों के सामने आने लगा है इतना ही नहीं जब गांवो में जाकर इसका निरीक्षण किया गया तो किसानों के घर में धान के ढेर लगे हुए नजर आए और किसानों का कहना है कि सरकार अपने फायदे के लिए विधेयक बिल पास कर रही है एक और सरकार किसान के फायदे के लिये किसान विधेयक बिल की बात करती है दूसरी ओर सरकार हमारे धान को खरीदने में असमर्थ है। इस समय किसान गेंहू की फसल बोने की तैयारी में है लेकिन किसान के सामने धर्मसंकट ये हैं कि धान की फसल बिकी नही है तो गेहूं की फसल बोने के लिए पैसे कहाँ से लाये। भाजपा सरकार का किसान हितैशी विधेयक अब किसान के गले की फास बन गया है अब किसान इस स्थिति में करें तो क्या करें, यदि सरकार द्वारा धान नहीं खरीदा गया तो बहुत से किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर होंगे।
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