काशीपुर – (सुनील शर्मा) कोविड नियमों के बीच काशीपुर में एक बार फिर से दशहरे पर बुराई पर अच्छाई की जीत हुई | इस बार स्थानीय प्रशासन ने सिर्फ 300 प्रतिभागियों की अनुमति के साथ रामलीला मानाने का आदेश दिया था जिस पर रामलीला कमेटी ने कोविड के नियमों का पूरी तरह से पालन किया । हर साल काशीपुर में रामनगर रोड स्थित श्री रामलीला मैदान में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में रावण और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है लेकिन इस बार कोविड के कारण सिर्फ 300 प्रतिभागियों की उपस्थिति में रावण और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। श्री रामलीला कमेटी ने कोविड गाइडलाइन के चलते श्रीराम लीला का मंचन रद्द करके 7 अक्तूबर से श्रीराम कथा का आयोजन किया था। जिसका समापन 16 अक्टूबर को होना है | विजयदशमी के दिन छोटे स्तर पर करीब 35 फुट ऊँचे रावण और कुम्भकर्ण के पुतलो का दहन किया गया। जिसके बाद बीते साल की भांति ही इस बार भी रामलीला मैदान में कोविड गाइड लाइन के मुताबिक दशहरा मेले का आयोजन किया गया। मेलें की शोभा वहां लगी दुकानों ने बढाई। जहां से लोगों ने जमकर खरीददारी की। दोपहर 3 बजे से शाम करीब 5:30 बजे तक आम जनता के लिए रामलीला मैदान खुला रहा। इसके बाद 5:30 बजे से स्थानीय कलाकारों ने जय श्रीराम उद्घोष के साथ राम-रावण युद्ध का मंचन कर वहां उपस्थित लोगों का भावविभोर कर दिया। मंचन के दौरान बीच-बीच में लोगों ने जय श्रीराम के जयघोष लगाकर परिसर को राममय बना दिया । देर शाम करीब 7 बजे कलाकारों ने पुतला दहन स्थल पर प्रतीकात्मक रावण-मेघनाथ से युद्ध किया और इसके बाद श्रीराम-लक्ष्मण ने पहले लंका फिर दोनों पुतलों का दहन किया। इस दौरान पुतला दहन देखने के लिए आसपास के घरों और दुकानों की छतों पर लोगों की भीड़ जमा रही। साथ ही वहां पर कमेटी प्रधान प्रबंधक महेश चंद्र अग्रवाल मामू, अध्यक्ष सुशील कुमार, विकास शर्मा खुट्टू, मनोज अग्रवाल, विकास गर्ग, शरद मित्तल, मुकेश शर्मा, रितेश गर्ग, आकाश गर्ग, मदन ठाकुर, वासु गर्ग, स्वतंत्र कुमार, अमरीश कुमार अग्रवाल एडवोकेट, हिमांशु अग्रवाल, आशीष शर्मा आदि लोग उपस्थित रहें।
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