रामनगर (जफर अंसारी ) जनता कि सुरक्षा को देखते हुए सरकार दोवारा उत्तराखंड में लॉक डाउन पर विचार कर रही है तो दूसरी ओर कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर में इन दिनों कोरोना की नियमावली कि जमकर धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। जहाँ एक तरफ देश मे कोरोना ने दोवारा अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है। शासन प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया हैं। देश के कई राज्य से आने वाले ब्यक्तियों को कोरोना की निकेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही उत्तराखंड में एंट्री मिलने की गाइडलाइन भी सरकार द्वारा जारी कर दी गई हैं लेकिन कॉर्बेट नेशनल पार्क कोरोना की नियमावली कि धज्जियाँ उड़ाते गाइड ओर टूरिस्ट व कॉर्बेट के अधिकारी कर्मचारी साफ देखे जा सकते है। जब हमारी टीम मौके पर पहुँची तो कुछ कॉर्बेट अधिकार, कर्मचारियों, गाइडो, टूरिस्टों ने मास्क लगाने शरू कर दिए। अगर कोरोना की नियमावली का पालन कॉर्बेट अधिकारी कर्मचारी ओर गाईड ही नही करेंगे तो देश के कोने कोने से आने वाले टूरिस्टो को कोरोना कि नियमावली का पालन कौन करवाएगा। कोर्बेट के उच्चधिकारियों को भी कोरोना की नियमावली धज्जियां उड़ा रहे गाइडो ओर अपने अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए ताकि दोवारा कोरोना की नियमावली की धज्जियां उड़ाने से पहले हर कोई कई सोचे। ऐसी स्थिति को देखकर लगता हैं कि कॉर्बेट के गाइडो ओर कॉर्बेट प्रशासन को सिर्फ पैसो से मतलब रह गया हैं। कॉर्बेट के ऐसे रवैये से टूरिस्टों कि जिंदगी से तो खिलवाड़ हो ही रहा हैं साथ ही रामनगर में कोरोना महामारी फैलने की संभावनाऐ बढ़ती नजर आ रही हैं। अगर भविष्य में रामनगर में कोरोना महामारी के बढ़ते मामले सामने आते हैं तो उसके लिए कही न कही कॉर्बेट प्रशासन की लापरवाही भी जिम्मेदार हो सकती हैं। अगर जल्द ही शासन प्रशासन ने कॉर्बेट नेशनल पार्क का संज्ञान नही लिया तो ये लापरवाही टूरिस्टों के साथ रामनगर की आम जनता को भी भारी पड़ सकती हैं।