उत्तराखण्ड ज़रा हटके रुद्रपुर

तो क्या उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाएंगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी..

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उच्च अधिकारी अपने ही विभाग में पनप रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में असफल साबित

सीएम धामी की यह मुहिम कहा तक सफल होगी

रुद्रपुर-(अजीत कुमार पांडे) उत्तराखंड सूबे में दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पैर पसार रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मुहिम शुरू कर दी है।उनका यह प्रयास केकाबिले तारीफ है। लेकिन मौजूदा स्थिति में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को पतीला लगा रहे स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी सरकारी अस्पतालों में पनप रहे भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।हाल ही में उत्तराखंड खबरनामा न्यूज नेटवर्क की टीम ने रुद्रपुर के जिला अस्पताल में उपचार करने गए एक व्यक्ति से सुविधा शुल्क लेने वाले चिकित्सक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनीता रतूड़ी से लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

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इस पूरे मामले में जिला अस्पताल में तैनात एक चिकित्सक अधिकारी ने पीड़ित युवक का मेडिकल बनाने के लिए सुविधा शुल्क लिया था।इस मामले की शिकायत जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनीता रतूड़ी से की गई थी। हैरानी इस बात की है कि शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र पर सीएमओ डॉ सुनीता रतूड़ी ने लंबे समय के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की वही जब शिकायतकर्ता अपने प्रार्थना पत्र पर की गई कार्रवाई की जानकारी लेने सीएमओ कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी ने उसे उलटे पांव वापस लौटा दिया। आपको बता दें कि बीती 19 मार्च को खेड़ा कालौनी निवासी शकील अहमद सैफी और उसके भाई जमीर अहमद सैफी का अपने ही पड़ोसी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसमें जमीर अहमद सैफी के सर पर गहरी चोट आई थी। पीड़ित युवक जमीर अहमद सैफी अपने भाई शकील अहमद सैफी के साथ जब मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां मौजूद एक महिला चिकित्सा अधिकारी ने उससे सुविधा शुल्क के रूप में रुपए ले लिए।

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वही शकील अहमद सैफी का आरोप है कि उक्त महिला चिकित्सा अधिकारी ने दूसरे पक्ष से मेडिकल मामूली चोटे दिखाने के नाम रुपए लिए गए थे।इस पूरे मामले के प्रत्यक्षदर्शी एक स्वास्थ्य कर्मी ने इस बात की पुष्टि की है।इस स्वास्थ्य कर्मी ने बतौर लिखित देकर बताया कि उस रात आपतकालीन डियूटी में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ ने सुविधा शुल्क के रूप में दोनों पक्षों से सुविधा शुल्क लिया था। पीड़ित युवक ने इस मामले की लिखित शिकायत जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनीता रतूड़ी सहित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से की थी। लेकिन मामले में आरोपी चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जबकि इस मामले से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी को भी अवगत कराया गया। पीड़ित शकील अहमद सैफी का कहना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। अब उसने इस मामले की शिकायत उत्तराखंड शासन के आला अधिकारियों से की है। वही पीड़ित का कहना है कि वह इस मामले की शिकायत सतर्कता विभाग से करने की तैयारी कर रहा है।उसका कहना है कि आरोपी चिकित्सा अधिकारी ने उससे सुविधा शुल्क के रूप में रुपए लिए हैं।जब तक उक्त चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी वह संघर्ष करता रहेगा। वही उसने यह भी कहा कि वह इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय की शरण भी लेगा।

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