उधम सिंह नगर जिले के अंदर लगातार हो रही हत्याएं पर हत्याएं पर उधम सिंह नगर जिले में लगता है जैसे कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है जिस तरीके से उधम सिंह नगर के अंदर बात करें पिछले 8 महीनों में लगातार हत्याएं लूट चोरी महिला उत्पीड़न बलात्कार जेसी घटनाएं बड़ी हैं
यह अपने आप में पुलिस की विफलता को दर्शाता है जिस तरीके से थाना ट्रांजिट कैंम्प में सनकी पति ने पत्नी का गला दबाकर उसकी निर्ममहत्या कर दी और कमरे में सो रही मां को भी गला दबाकर मारने का प्रयास किया चीख-पुकार की आवाज सुनकर लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पढ़े और कड़ी मशक्कत के बाद हत्यारे को काबू किया सूचना मिलने पर पुलिस ने आरोपी कोऔ गिरफ्तार कर लिया वह जिला अस्पताल पहुंचकर घटना की जानकारी और शव का पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया
जानकारी के अनुसार शाहजहांपुर यूपी मूलनिवासी थाना ट्रांजिट कैंप की राजा कॉलोनी का रहने वाला राकेश कुमार की जून 2022 मैं नारायण कॉलोनी निवासी 23 वर्षीय मीरा देवी के साथ शादी हुई थी रविवार को राकेश अपनी पत्नी को मायके से लाकर अपने माता-पिता के घर पहुंचा
और बुधवार की सुबह 8:00 बजे के करीब उसने यहां पर अपनी पत्नी मीरा का गला दबाकर हत्या कर दी और उसके बाद दूसरे कमरे में जाकर सो रही अपनी बुजुर्ग मां सुदामा देवी का गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की मगर इसी बीच आरोपी के राकेश को मैं बमुश्किल पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया उधर परिवार के लोग बहू मीरा और सास सुदामा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने मीरा को मृत्यु घोषित कर दिया
जबकि सुदामा की हालत नाजुक बनी हुई है सूचना मिलने पर थाना प्रभारी सुंदरम शर्मा एवं आवास विकास चौकी इंचार्ज नीमा बोरा ने घटनास्थल पर जाकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया सवाल उठता है जिस तरीके से हत्याएं बताएं हो रही हैं जब के डीजीपी अशोक कुमार के सख्त निर्देश हैं कि ऐसे क्रिमिनल माइंड के लोगों को सत्यापन करना अति आवश्यक है लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगना लाजमी है
क्योंकि 1 दिन पहले भी एक पाशा कॉलोनी में दीपावली के पटाखे बजाने पर एक व्यक्ति को गोली मारकर हत्या कर दी गई अगर समय रहते पुलिस अपना सत्यापन के आधार पर अपराधियों को चिन्हित कर सलाखों के पीछे पहुंचाती तो कहीं ना कहीं ऐसे अपराध रोके जा सकते हैं
लेकिन जिस तरीके से 2021 के मुकाबले 2022 मार्च से अब तक अपराध के ग्राफ को देखा जाए और जब से एसएसपी मंजूनाथ टीसी उधम सिंह नगर की कमान संभाली है खुलासे तो जरूर हो रहे हैं लेकिन अपराध का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है बात करें तो 8 महीने में लगभग नशा की बात करें तो हर गली मोहल्ले में इंजेक्शन चरस गांजा शराब और नशीली ड्रक्स जैसी चीजों में इजाफा हुआ है जिस तरीके से लगातार 40 से ज्यादा हत्याएं लगभग 20 से ज्यादा बलात्कार और लगभग 100 से ज्यादा महिला उत्पीड़न और लगभग सवा सौ से ज्यादा पूरे जिले में चोरियों का ग्राफ बढ़ा है
एक तरफ उधम सिंह नगर पुलिस को गुड वर्ग पुलिस के नाम से जाना जाता है दूसरी तरफ अपराध की लंबी लिस्ट बनती जा रही है जबकि अभी चंद दिन पहले एसएसपी मंजूनाथ टी सी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार हो रहे अपराध पर नाराजगी जाहिर की थी उसके बावजूद भी हत्याएं पर हत्याएं होना एक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है लेकिन इसके पीछे भी पुलिस की लाचारी कभी मकसद है
जिस तरीके से 7 साल से कम सजा में हमारे देश के अंदर गिरफ्तारी पर रोक लगाना भी एक पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है क्योंकि अगर पुलिस किसी को गिरफ्तार करती है तो कहीं ना कहीं 7 साल से कम सजा होने के कारण अपराधी को उसका लाभ मिल जाता है और पुलिस द्वारा करीब गई कार्रवाई के खुलेआम कहीं ना कहीं अपराधी उसका लाभ लेते हुए
खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाता है इसलिए हमारे देश कानून बनाने वाले देश के कानून मंत्री एवं न्यायपालिका को भी इसमें पूर्ण विचार करते हुए जिस तरीके से पहले थप्पड़ मारने पर सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान था जिससे हमारे देश की कानून व्यवस्था और अपराधियों के लिए पुलिस का डर बना रहना भी एक अति आवश्यक होना चाहिए जिससे अपराध पर लगाम लगाई जा सके
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