रुद्रपुर-(एम सलीम खान)आजादी का अमृत महोत्सव के बैनर तले महिला एवं सामाजिक जागरूकता कल्याण समिति की ओर से आज शिमला बहादुर ओमेगा स्कूल हाल में चेतना जागृत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप प्रजापिता ब्रहमाकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से बीके शुशान्त भाई जी व वरिष्ठ अतिथि राजयोगिनी बीके सूरज मुखी दीदी,प्रभारी ब्रह्माकुमारी केंन्द्र रुद्रपुर रही।
कार्यक्रम का संचालन समिति की अध्यक्ष डॉ. उषा नरेंद्र जैन ने किया।
इस कार्यक्रम का लाभ लगभग 100 महिलाओं ने लिया।
इस कार्यक्रम में बताया गया कि जब विचारों की मात्रा बढ़ती है, तो हमें मन को शांत करने के लिए अपनी सोच की गुणवत्ता को बढ़ाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए हमें सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाली जानकारी और ज्ञान को आत्मसात करने की जरूरत है, विशेष रूप से आध्यात्मिक ज्ञान, जो खुद को और परमात्मा के साथ अपने रिश्ते को जानने में मदद करता है।
वह ज्ञान सकारात्मक, श्रेष्ठ विचारों के निर्माण के लिए कच्चा माल प्रदान करता है और जब हमारी सोच की गुणवत्ता में सुधार होता है, तो मन में उत्पन्न होने वाले विचारों की संख्या कम होने लगती है। मेरी सोच की गुणवत्ता जितनी अधिक होगी, मेरे विचार उतने ही कम होंगे।
तीसरा कारक है हमारे विचारों की दिशा। हम जिस चीज से जुड़े होते हैं, उससे हमारा मन आकर्षित होता है, चाहे वह हमारा परिवार हो, काम हो या संपत्ति हो। जितना अधिक मन इनके बीच बिखरा होता है, हमारे विचार उतने ही कमजोर होते जाते हैं, क्योंकि हमारी मानसिक ऊर्जा कई अलग-अलग चैनलों की ओर मोड़ी जाती है।
जिस क्षण हम पाते हैं कि हमारा दिमाग एक नई दिशा में जा रहा है, हमें उस विचार को रोकना होगा और एक चीज पर फिर से ध्यान केंद्रित करना होगा। जब मन एक विचार में स्थिर होता है, तो हमारी सारी मानसिक ऊर्जा उस विचार में चली जाती है, उसे शक्तिशाली बनाती है, और उस विचार की शक्ति हमारे लिए एक नई वास्तविकता बनाने की प्रक्रिया को गति प्रदान करती है।
इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी केंन्द्र रुद्रपुर से अरविंद भाई जी व विमला बहन उपस्थित रही।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में सीता देवी,नीरमतीदेवी, सुशीला देवी,अनीता देवी, राधा सुभाष,गुंजन,मंजीत,दुर्गा आदि ने विशेष भूमिका निभाई।
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