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हल्द्वानी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग विभाग इनफॉर्मेशन साइंस विषय पर किया गया दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन…..

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लालकुआं- ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस में कंप्यूटिंग और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर चर्चा के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाया गया। इस 2 दिवसीय सम्मेलन में मुख्य भाषणों, शोध पत्र प्रस्तुतियों और इंटरैक्टिव पैनल चर्चाओं की एक विविध श्रृंखला हुई। कांफ्रेंस ने प्रतिभागियों को ज्ञान का आदान-प्रदान करने, अंतर्दृष्टि साझा करने और आर्टिफियल इंटेलिजेंस और डेटा विज्ञान से लेकर क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा तक के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया।

 

विभन्न देशों के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने कंप्यूटिंग के विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में शोध कार्य प्रस्तुत किए। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शारजाह विश्वविद्यालय के प्रो. रमेश सी. बंसल ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सूचना और संचार के उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आईटी और संचार समय की बुनियादी जरूरतें बन गए हैं। उन्होंने बिजली संयंत्रों की दक्षता को नियंत्रित करने और बढ़ाने के लिए आईटी का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा। सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. राजीव श्रीवास्तव, प्रोफेसर एवं डीन, आईआईटी बीएचयू वाराणसी ने एक जेनेरिक विषय चुनने के लिए विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण की सराहना की।

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उन्होंने डीप लर्निंग पर भी अपनी बातें रखीं। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि डीप लर्निंग का उपयोग “ट्रेंडिंग समाधान” के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि किसी समस्या को सरल तरीकों से हल किया जा सकता है, तो सरल तरीका अपनाएं।” साथ ही उन्होंने शोधकार्यों के महत्व पर भी जोर दिया। रिज़ल यूनिवर्सिटी, फिलीपींस के प्रोफेसर डॉ. डैनियल डी. दासिग ने इंडस्ट्री 5.0 के बारे में बात की। उन्होंने कम्प्यूटिंग और इनफॉर्मेशन साइंस के भविष्य पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। दूसरे मुख्य वक्ता डॉ. टिंकू सिंह चुंगबुक नेशनल यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया ने डीप लर्निंग का उपयोग करके स्टॉक प्रिडिक्शन मॉडल के बारे में अपनी बात रखी। वक्ता डॉ. सुशील कुमार सिंह, मारवाड़ी विश्वविद्यालय, गुजरात ने चैट जीपीटी के माध्यम से उभरती उन्नत प्रौद्योगिकी के उपयोग की अवधारणा प्रस्तुत की।

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इसके अलावा उन्होंने बताया कि चैट जीपीटी और डीप लर्निंग को साथ में लाने से अधिक विश्वसनीय परिणाम प्रस्तुत किए जा सकते है। चौथे मुख्य वक्ता राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के डॉ. गुंजन ने वायरलेस सेंसर नेटवर्क की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस तरह से वायरलेस सुरक्षा नेटवर्क के उपयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा और आवास निगरानी के लिए ट्रैकिंग सिस्टम संभव हैं। जिसके बाद डॉ. कामरेड उधम सिंह सहायक प्रोफेसर स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग जीईएचयू देहरादून, डॉ. अरविंद कुमार तिवारी केएनआईटी सुल्तानपुर, डॉ. अनुपम सिंह जीईएचयू देहरादून और डॉ. अंकुर सिंह बिष्ट,जीईएचयू, भीमताल ने सम्मेलन में अपनी बातें रखीं।  विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों द्वारा गहन चर्चा के बाद, शोधकर्ताओं द्वारा पेपर प्रस्तुत किए गए। इस सम्मेलन में कुल 31 पेपर प्रस्तुत किए गए।

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जिसमें ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी की असिस्टेंट प्रोफेसर रिचा पांडे और बीटेक फाइनल ईयर के छात्र द्वारा लिखे गए पेपर ‘ बियोंड क्लासिकल क्रिप्टोग्राफी : एग्जामिनिंग मॉडर्न एनक्रिप्शन टेक्नीक्स टूल” को सर्वश्रेष्ठ प्रेजेंटेड पेपर चुना गया। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्द्वानी के निदेशक डॉ. मनीष कुमार, ने इस प्रकार के आयोजनों के महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही छात्रों को शोध कार्यों में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

सम्मेलन के अध्यक्ष श्री ईश्वरी सिंह राजपूत, हेड ऑफ द डिपार्टमेंट, स्कूल ऑफ कम्प्यूटिंग, जीईएचयू हल्द्वानी ने वैश्विक शैक्षणिक समुदाय से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया और भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम संयोजक मुकेश कुमार साहू एवं सह-संयोजक आशुतोष उपाध्याय और सुश्री सोनम त्यागी ने कार्यक्रमों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में मदद की। वहीं मंच संचालन श्रीमती सुजाता नेगी ठाकुर ने किया।

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