कोटद्वार- पूरे देश सहित उत्तराखण्ड में भी सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर बाजारों, मुख्य सड़कों सहित सरकारी प्रतिष्ठानों के आसपास अवैध अतिक्रमण के कारण तमाम अव्यवस्था होने से आमजनता को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अतिक्रमण के कारण होने वाली परेशानियों से आम जनता द्वारा प्रशासन से मौखिक और लिखित शिकायत होने लगी परन्तु जिम्मेदार विभागों द्वारा लापरवाही और ढुलमुल रवैये से परेशान सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत न्यायालय में कर डाली,
न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद उच्च न्यायालय ने कड़े फैसले लेने के बाद विभागों को सभी सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। पौड़ी जिले के कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र का सबसे अधिक व्यस्ततम गोखले मार्ग बाजार सबसे अधिक अवैध अतिक्रमण का शिकार रहा है। गोखले मार्ग बाजार में अवैध अतिक्रमण को हमेशा राजनीतिक, नगर प्रशासन, व व्यापारिक संगठनों का सरक्षण मिलता रहा।
राज्य बनने के बाद से ही गोखले मार्ग बाजार पर अवैध अतिक्रमण की बाढ़ आ गयी। गोखले मार्ग बाजार के अवैध अतिक्रमण को हटाने के बारे में कहा जाता था कि इस बाजार से अतिक्रमण हटाना असंभव है परन्तु जब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बाजार को अतिक्रमण मुक्त करने की ठानी तो तमाम अड़चनों के बावजूद न्यायालय को जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकारी तंत्र को गोखले मार्ग बाजार से अतिक्रमण हटाने के निर्देश तय सीमा के अंदर करने के निर्देश जारी कर दिए।
मजबूरन नगरनिगम प्रशासन को बाजार को अवैध अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्यवाही बुधवार से करनी पडी़। कोटद्वार में बुधवार को जब न्यायालय के निर्देश पर नगरनिगम बुलडोजर के साथ पहुंचा तो गोखले मार्ग बाजार खाली होने में देर नहीं लगी। मिली जानकारी के अनुसार अभी भी कुछ व्यापारियों द्वारा 15 दिन का समय लेने में कामयाबी हासिल कर ली है, कहीं ऐसा न हो ये 15 दिन 15 साल न बन जाए।
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