उत्तराखण्ड ज़रा हटके रुद्रपुर

चर्चित कृष्णा हॉस्पिटल का एक बार फिर सामने आया एक और नया कारनामा….

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कृष्णा क्रिटिकल केयर सेंटर हॉस्पिटल का फिर  सामने आया एक नया कारनामा, बचाने में लगा स्वास्थ्य विभाग ….

रुद्रपुर-आपको बता दें रुद्रपुर डॉक्टर कॉलोनी गली नंबर 1 में कृष्णा क्रिटिकल केयर सेंटर नाम से हॉस्पिटल है जिसमें लगभग 8 महीने में कई दर्जन बच्चों को अपना जान से हाथ धोना पड़ा है आपको बताते चलें पेट डॉक्टर गौरव अग्रवाल और पारस अग्रवाल के नाम से इन दोनों डॉक्टरों ने रुद्रपुर के अंदर बड़े स्तर पर धांधली कर रखी है

 

अभी कुछ दिन पहले भी एक पत्रकार की बेटी की घटना का मामला अभी शांत नहीं हो पाया कि एक मामला फिर सुर्ख़ियों में आ गया जो आज महामाई राज्यपाल महोदय के सामने एक गरीब सरकारी मशीनरी से तंग आकर महामाई राज्यपाल महोदय के सामने कृष्णा के टिकल केयर सेंटर की शिकायत लेकर पहुंचा लेकिन वहां पर पुलिस प्रोटोकॉल की वजह से पुलिस ने जाने से रोक दिया

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मौके पर मीडिया कर्मियों ने उससे जानकारी ली तो पता लगा कि उसकी लड़के की बहू को डिलीवरी होने के कारण 3.5 लाख रूपयेरूपये का उससे बिल ले लिया और पैसे की डिमांड करते रहे और उसके बच्चा भी नहीं दिया जिसकी वजह से वह शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न जेल रहा है जिसकी शिकायत उन्हें संबंधित स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस विभाग से की लेकिन उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई मामला जब राज्यपाल महोदय के सामने पहुंचता देख आनन-फानन में उसके बच्चे को और उसके लड़के की बहू को छुट्टी दे दी गई आपको बता दें

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यही पारस अग्रवाल और गौरव अग्रवाल डॉक्टर हैं जिसने आयुष्मान कार्ड में भी घोटाला किया और एक पत्रकार की 12 दिन की मरी हुई बच्ची को बरेली रेफर कर दिया आपने कुछ समय पहले भी एक ऐसी फिल्म देखी होगी जो गब्बर सिंह के नाम से जानी जाती है अक्षय कुमार की सेम प्राइवेट हॉस्पिटल कितना क्रिटिकल केयर सेंटर में इसी तरीके की स्टोरी देखने को मिल सकती है लेकिन उधम सिंह नगर के सीएमओ और पुलिस विभाग बिल्कुल नतमस्तक नजर आ रहा है

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अब देखना है के उधम सिंह नगर के सीएमओ और पुलिस डिपार्टमेंट इस पर क्या कार्रवाई करते हैं और सुबह के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत इस पर क्या एक्शन लेते हैं एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त की बात चल रही है तो दूसरी तरफ खुले तौर पर अधिकारियों का भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है अब आगे देखते हैं आने वाले समय में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ऐसे अधिकारियों के खिलाफ और ऐसे हॉस्पिटलों के खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं यह तो आने वाला वक्त बताएगा

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