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2022 लड रहे प्रत्याशियों को नामांकन की तिथि से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा तक सभी खर्चों का देना होगा हिसाब-शुक्ल

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रूद्रपुर-(एम् सलीम खान) मुख्य कोषाधिकारी/नोडल व्यय अनुवीक्षण डॉ0 पंकज कुमार शुक्ल ने बताया विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 लड़ रहे प्रत्याशियों को नामांकन की तिथि से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा की तिथि के मध्य उसके द्वारा या उसके निर्वाचन एजेण्ट में किये गये सभी व्ययों का पृथक और सही खाता रखना अनिवार्य है। उन्होने बताया प्रत्याशी का कुल व्यय निर्धारित राशि से अधिक नहीं होना चाहिये।

 

विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के प्रत्याशियों के लिये निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा रू0 40.00 लाख निर्धारित है। प्रत्येक प्रत्याशी ने अपने चुनाव खर्चे का एकाउण्ट रखा जायेगा। प्रत्याशी/उसके एजेण्ट के द्वारा चुनाव परिणाम घोषणा के 30 दिन के अन्तर्गत जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष चुनाव व्यय प्रस्तुत करना होगा। यदि प्रत्याशी या उसका अभिकर्ता नियत समय और नियत रीति से चुनाव व्यय नहीं प्रस्तुत करता तो आयोग उसे अयोग्य घोषित कर सकता है ,यदि यह एकाउण्ट सही ना हो तो भी आयोग उसे अयोग्य घोषित कर सकता है। उन्होने बताया प्रत्येक अभ्यर्थी को नाम-निर्देशन के समय आर0ओ0/ए0आर0ओ0 के द्वारा एक रजिस्टर दिया गया है। जिसमें चुनाव में होने वाले समस्त व्ययों का दैनिक लेखा बनाया जायेगा।

 

प्रत्याशी को निर्वाचन व्ययों के लिये मुख्यतः तीन प्रकार के अलग-अलग रंगों के रजिस्टर जिसमें सफेद पन्नों में पार्ट-क में दैनिक लेखा, गुलाबी पन्नों में पार्ट-ख के अनुसार नकद तथा पीले पन्नों में पार्ट-ग अनुसार बैंक रजिस्टर होगा। उन्होने बताया अभ्यर्थी को उपर्युक्त तीन भागों मे यह रजिस्टर प्रचार अवधि के दौरान कम से कम तीन बार रिटर्निंग अधिकारी या निर्वाचन प्रेक्षक को निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करना होगा। उन्होने बताया दैनिक लेखा रजिस्टर संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के लिए है, इसे दैनिक आधार पर तिथिनुसार भरना होता है, सभी स्तंभों को भली प्रकार से भरने के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक तारीख को उपगत/प्राधिकृत व्ययों (प्रदत्त/बकाया दोनो) की कुल राशि भी लिखना चाहिए।

 

ऐसे व्ययों के श्रोत के समबन्ध में किसी भी अभ्यर्थी की निजी निधि में उपगत/प्राधिकृत राशि की संगत का स्तंभ में उल्लेख किया जाना चाहिए, चाहे राशि राजनैतिक पार्टी से प्राप्त की गयी हो या राजनैतिक पार्टी से प्राधिकृत की गयी हो, जब कभी किसी विशेष दिवस को कोई व्यय नहीं होता उस तारीख के सामने शून्य लिखना चाहिए, अभ्यर्थी के निर्वाचन कार्यों के लिए प्रयुक्त किसी भी श्रोत से प्राप्त वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य का भी उल्लेख किया जाएगा। इस रजिस्टर में अभ्यर्थी/निर्वाचन एजेंन्ट/पार्टी/अन्य किसी व्यक्ति द्वारा उपगत/प्राधिकृत, चाहे नकद हो या किसी वस्तु के रूप में उन सबका उल्लेख सम्बन्धित कॉलम में किया जाना चाहिए। यदि राशि के श्रोत में राजनैतिक पार्टी के अलावा किसी व्यक्ति या हस्ती से नकदी या वस्तु प्राप्त होती है

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तो उसका उल्लेख इस सम्बन्ध में बनाए गए स्तंभ में किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की दान राशि 10 हजार रूपये से अधिक होने पर चैक, ड्रॉफ्ट या ऑनलाईन के माध्यम से प्राप्त की जायेगी। उन्होने नगद रजिस्टर के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि किसी भी श्रोत से नकदी में प्राप्त धनराशि जिसमें अभ्यर्थी के बैंक खाते से निकासी भी शामिल है को नाम निर्देशन की तारीख से परिणामों की घोषणा तक तिथि के अनुसार कैश रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। उस व्यक्ति का नाम तथा पता जिससे धनराशि नकद के रूप में प्राप्त हुई है की प्रविष्टि भी कैश रजिस्टर के आवती कॉलम में की जाएगी।

 

यदि निर्वाचन प्रयोजनार्थ खोले गए बैंक खाते से नकदी का आहरण किया जाता है तो उसे उचित विवरण के साथ आवती कॉलम में दिखाया जाना चाहिए। नकदी में उपगत सभी खर्चों को भुगतान स्तंभ में दर्ज किया जाना चाहिए, जब नकदी की कोई राशि अभ्यर्थी के बैंक खाते मे जमा करवाई जाती है तो उसे भुगतान स्तंम्भ में दर्ज किया जाना चाहिए, जहां प्राप्ति या अदायगी नहीं की गयी है उस तारीख के सामने शून्य लिखा जाएगा। तिथिवार नकद शेष भी आहरित किया जाए। यदि अभ्यर्थी के किसी शाखा कार्यालय या किसी व्यक्ति को नकदी दी गयी तो उसका भी स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए, जहां तक संभव हो सभी भुगतान चैक /ऑनलाइन से किए जाने के प्रयास करने चाहिए। नोडल अधिकारी द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि नकद खर्च की व्यय सीमा दस हजार रुपए होगी। उन्होने बैंक रजिस्टर के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि निर्वाचन के प्रयोजनार्थ खोल गए खाते में किसी भी श्रोत से प्राप्त धनराशि जिसमें निजी निधि भी शामिल है निर्वाचन व्ययों के अन्तर्गत व्ययों के अन्तर्गत आने वली सम्पूर्ण राशि को अभ्यर्थी जमा कराएगा,

 

सभी निर्वाचन व्ययों को इस बैक खाते से केवल चेक जारी करके ही उपगत किया जाएगा तथापि लघु खर्चों के मामले में जहां चैक जारी करना सम्भव नहीं है रकम का नकदी में आहरण कर उचित वाउचरों के साथ भुगतान किया जाएगा। निक्षेपो आहरण और दैनिक शेष का ब्यौरा रजिस्टर के सम्बन्धित स्तम्ंभ में दर्ज किया जाएगा, जहां कही कोई निक्षेप या आहरण नहीं किए गये उन तारीखों के सामने शून्य लिखा जाना चाहिए। नोडल अधिकारी द्वारा राजनीतिक पार्टीयों को अवगत कराया गया कि निवार्चन रजिस्टर का निरीक्षण प्रचार अवधि के दौरान अभ्यर्थी कम से कम तीन बार निजी रूप से या अपने निर्वाचन एजेन्ट के माध्यम से व्यय प्रेक्षक/निरीक्षक के लिए नामित अधिकारी के सामने रजिस्टर प्रस्तुत करेंगें।

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अभ्यर्थी के रजिस्टर के निरीक्षण के लिए निर्धारित दिनों में उस निर्वाचन क्षेत्र में व्यय पर निगरानी रखने के लिए नियुक्त सहायक व्यय प्रक्षेक को छाया प्रक्षेण रजिस्टर और साक्ष्यों के फोल्डर के साथ उपस्थित रहना चाहिए, यदि अभ्यर्थी अपना निर्वाचन व्यय रजिस्टर उक्त प्रयोजनार्थ निर्धारित  निरीक्षण के लिए प्रस्तुत नही करता तो रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उसे लिखित में नोटिस जारी किया जाएगा। यदि वह नोटिस में विर्निदिष्ट तारीख को फिर से निरीक्षण के लिए रजिस्टर प्रस्तुत करने में असफल होते है तो यह माना जाएगा कि वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 के अंतर्गत अपेक्षित दैनिक निर्वाचन व्यय के लेखे रखने में असफल रहा है, इस नोटिस का यथासंभव अधिकाधिक प्रचार किया जाएगा तथा इसकी एक प्रति आर0ओ0 के सूचना पटल पर लगाई जाएगी।

 

यदि किसी प्रत्याशी के प्रचार- प्रसार में कोई स्टार प्रचारक आता है तो स्टार प्रचारक का खर्च प्रत्याशी के खर्चे में जुड़ेगा। यदि एक ही मंच में जनपद के सम्पूर्ण विधानसभा के प्रत्याशी उपस्थित है तो व्यय की धनराशि समान रूप से सभी प्रत्याशियों में व्यय की धनराशि वितरित की जायेगी। लेखा टीम प्रत्येक जनसभा या रैली पर हुए व्यय की अधिसूचित दरों के आधार पर अलग से गणना करेगी तथा फोटो, वीडियो रिकार्डिंग तथा विवरणियों इत्यादि के रूप में इकट्ठे किए साक्ष्यों को रखेगी। उन्होने बताया निर्वाचन के लिए एक अलग बैंक खाता बनाना है, खर्चों का रजिस्टर बनाना है जिसमें आर0ओ0 द्वारा प्रदान अनुमतीयों की प्रति (जैसे- प्रिटिगं, प्रचार सभा आदि) का विवरण भी रखना है। उन्होने बताया अधिकतम कैश भुगतान की राशि रू0 10,000.00 इससे अधिक धनराशि वाले खर्चों का भुगतान (FD/DD/CHEQUE/NEFT/RTGS/ONLINE)  के माध्यम से किया जाएगा तथा किसी भी प्रकार की डेानेशन रू10000.00 से अधिक होने पर (FD/DD/CHEQUE/NEFT/RTGS/ONLINE)  के माध्यम से प्राप्त की जायेगी।

 

उन्होने बताया परिणाम घोषणा के बाद अभ्यर्थी को अपने दैनिक रजिस्टर, बिल और वाउचर्स तथा सहायक दस्तावेज (Affidavit) के साथ-साथ अनुलग्नक-E2  के अनुसार सार विवरण प्रस्तुत करना है। सार विवरण में पावती फार्म के साथ साथ भाग 1 से भाग 4 तक होता है और तत्पश्चात उसकी अनुसूची 1 से 11 तक होती है। इन अनुसूचियों में विभिन्न मदों पर अभ्यर्थी अथवा पार्टी या अन्यों ने उपगत/प्राधिकृत निर्वाचन व्यय के ब्योरे, अभ्यर्थियों के फंड का स्त्रोत दिखाया जाता है। उसके सभी भागों और अनुसूचियों को भली प्रकार भरा जाना चाहिए। उन्होने बताया रजिस्टर वाउचर सहित मूल रूप से वापिस किया जायेगा। (हस्ताक्षरित, क्रमवार, दिनांकवार) सार विवरण का भाग 01 से 04 तक और अनुसूचियां 01 से 11 तक पर अभ्यर्थी द्वारा स्वयं हस्ताक्षर किये जाने चाहिए। अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा यथा प्रमाणित बैंक विवरण की प्रति भी संलग्न की जानी चाहिए। प्रारूप के अनुसार शपथपत्र पर अभ्यर्थी ने स्वयं ही हस्ताक्षर किए जाने चाहिएं और इसे सार विवरण के साथ जमा कराया जाना चाहिए।

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आयोग द्वारा यथानिर्धारित पावती जिसमें निर्वाचन व्यय के लेखे की प्राप्त करने की तिथि और समय इंगित किया होगा, को भी इस प्रयोगनार्थ निर्वाचन अधिकारी द्वारा तैनात अधिकारी द्वारा दिया जाना चाहिए। रजिस्टर के निरीक्षण के समय रिटर्निंग अधिकारी या व्यय प्रेक्षक द्वारा इंगित की गई व्यय की किसी भी मद में विसंगति के मामले में ऐसी मद पर विसंगति हेतु कारण सहित स्पष्टीकरण अलग से संलग्न किया जाना चाहिए। रिटर्निंग अधिकारी द्वारा जारी किए गए नोटिसों की प्रतियां और निर्वाचन व्यय के संबंध मंे  प्रस्तुत किया गया स्पष्टीकरण भी सलंग्न किया जाना चाहिए। अभ्यर्थियों या उनके निर्वाचन अभिकर्ता को यह बताया जाना चाहिए कि सांविधिक उपबंधों के अधीन वह अभ्यर्थी भी जो निर्वाचन हार गए हैं, उनको भी निर्धारित रीति और निर्धारित समय के अंदर अपने निर्वाचन व्यय के लेखे दाखिल करने होते हैं अन्यथा वे निरहित होने के भागी होंगे। उन्होने बताया कोई भी खर्च निर्धारित बैंक खाते के अतिरिक्त से नहीं किया जाएगा। रू0 10,000.00 से ज्यादा का कैश किसी से भी नही लिया जाएगा।

 

रू0 10,000.00 से अधिक का खर्च कैश में नही किया जाएगा। रू0 50,000.00 से अधिक का कैश किसी साक्ष्य के बिना कैरी नहीं करना है। रू0 10000.00 से ज्यादा की प्रचार सामग्री बिना अनुमति व साक्ष्य के नहीं रखनी है। बिना अनुमति के प्रचार-प्रसार सामग्री प्रिंट नही कराये। बिना अनुमति के किसी भी जनसभा का आयोजन ना करें। व्यय प्रेक्षक डी0 एम0 त्रिपाठी और दर्पण अमरवंशी ने बताया प्रत्याशी अपने व्यय रजिस्टर की जॉच अपने आर0ओ0 से भी करवा सकते हैं उन्हे मुख्यालय आने की आवश्यकता नही है। प्रत्याशियो के शंका समाधान करते हुए अवगत कराया कि उनके मोबाइल नम्बर पब्लिक डोमेन पर है किसी भी शंका के होने पर समाधान किया जायेगा एवं निर्देशित किया कि वे व्यय करते हुए निर्वाचन में दिये गये निर्देशो के अनुसार व्यय करना सुनिश्चित करे।

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