उत्तराखण्ड ज़रा हटके रुद्रपुर

मजदूरों के बच्चों से मिलने नहीं पहुंचे जिला अधिकारी प्रशासन का तानाशाही रवैया….

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रुद्रपुर-319 दिन से बैठे मजदूर इन्टरार्क कंपनी पंतनगर सिडकुल के मजदूर बाल सत्याग्रह आंदोलन के तहत श्रम विभाग से जिला मुख्यालय की ओर जिला अधिकारी को ज्ञापन देने के लिए सैकड़ों की संख्या में मजदूर महिलाएं बच्चे पहुंचे परंतु बच्चे महिलाएं मजदूर और समाजसेवी लोग बारिश में भीगते रहे परंतु जिला अधिकारी का दिल नहीं पसीजा अपने अड़ियल और तानाशाही रवैया डटे रहे बारिश में भीगते हुए मासूम छोटे बच्चों से मिलने नहीं पहुंचे जिनमें से कई बच्चों की उम्र 10 साल से नीचे थी।

 

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वहीं समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास ने कहा अपने जीवन में इस तरह के तानाशाही रवैया वाला जिलाअधिकारी उन्होंने नहीं देखा। जिन अधिकारियों को जनता के टैक्स से टैक्सी सैलरी दी जाती है वही अब जनता की बातों को सुनने के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं और कंपनी मालिक और बड़े-बड़े नेताओं की गुलामी कर रहे हैं यह दुख की बात है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ऐसी देश की आजादी की कल्पना बिल्कुल नहीं की थी जिसमें अफसरशाही लोग मजदूर लोगों का शोषण करें जिस प्रकार से कल बच्चे बारिश में भीगते रहे 1947 का दौर याद आ गया

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जिस प्रकार अंग्रेज भारत की आम जनता पर अत्याचार करते हैं उसी प्रकार जिला मुख्यालय जहां पर शहीद उधम सिंह जी की मूर्ति लगी है उसी कार्यालय के सामने बैठे अधिकारी मजदूरों महिला और बच्चों के साथ जलियाबाग जनरल डायर जैसा ही व्यवहार कर रहे थे । और इस प्रकार की दुर्व्यवहार बच्चों के साथ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जल्दी हाईकोर्ट की ओर कूच किया जाएगा और 14 तारीख को किसान मजदूर महापंचायत के शासन और प्रशासन को जवाब दिया जाएगा।।

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