उत्तराखण्ड ज़रा हटके जोशीमठ

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जोशीमठ पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण…

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जोशीमठ पहुंचकर सचिव आपदा प्रबन्धन ने भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण….

जोशीमठ- सचिव आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने रविवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में पहुंचकर औली रोपवे, मनोहरबाग, शंकराचार्य मठ, जेपी कालोनी आदि भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया।  इस दौरान उनके साथ भू-वैज्ञानिक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे |सचिव आपदा प्रबंधन ने औली रोपवे तथा शंकराचार्य मठ के निकट के क्षेत्र तथा घरों में पड़ी दरारों का निरीक्षण किया | सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मकानों मे पड़ी दरारों और  भू-धंसाव के पैटर्न रूट की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए |

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उन्होंने औली रोपवे के टावर पर दरारों की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए| डॉ सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों को दरारों के पैटर्न और बढ़ोतरी की निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा |उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) हैदराबाद द्वारा प्रभावित क्षेत्र का भु-भौतिकीय अध्ययन किया जा रहा है | एनजीआरआई अंडर ग्राउंड वाटर चैनल का अध्ययन कर रही है | अध्ययन के पश्चात एनजीआरआई द्वारा जियोफिजिकल तथा हाइड्रोलाजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जायेगा। यह मैप जोशीमठ के ड्रेनेज प्लान और स्टेबलाइजेशन प्लान में काम आएंगे

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सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत और बचाव पहुंचाना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।  प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है।

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भूवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि सीबीआरआई, आईआईटी रुड़की, वाडिया इन्संटीयूट, जीएसआई, आईआईआरएस और एनजीआरआई जोशीमठ में कार्य कर रही है |

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