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सौरभ बहुगुणा पहुंचे काशीपुर, गरीब कल्याण सम्मेलन का किया आयोजन…

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काशीपुर- काशीपुर में बीते रोज करीब 4:00 बजे भारतीय जनता पार्टी के 8 वर्ष पूर्ण होने पर गरीब कल्याण सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट की अनुपस्थिति में राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री और सितारगंज विधानसभा सीट के विधायक सौरभ बहुगुणा ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए मुख्य अतिथि सौरभ बहुगुणा ने कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के 8 साल सेवा के सुशासन के तथा गरीब कल्याण के पूरे हुए हैं उसी के उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

 

कार्यक्रम के माध्यम से केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की जनता के लिए चलाई जा रही योजनाओं को धरातल पर उतरी हैं उन्हें हम लोगों तक पहुंचा सकें। देश मे वर्तमान में देश मे चल रहे अग्निपथ के मुद्दे पर कहा कि उनके हिसाब से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की जो पहल अग्निपथ योजना के माध्यम से की है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 17 वर्षों से लेकर 23 साल तक के युवा को देश के सेना में नौकरी करने का मौका दे रहे हैं। वही 4 साल पूरा होने के बाद 25% युवाओं को बदौलत ही किया जाएगा 10 लाख में से ढाई लाख युवा सेना में स्थाई रूप से जुड़ जाएंगे।

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केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के फायदे गिनाते हुए सौरव बहुगुणा ने कहा कि एक 17 साल का युवा 1 साल में बीस लाख रुपये कमाएगा तथा बाद में 11 से 12 लाख रुपए सेवा निधि के रूप में दिए जाएंगे। रिटायर होने के बाद 23 साल का युवा एसडीआरएफ एनडीआरएफ में अपनी काबिलियत के हिसाब से ज्वाइन कर सकता है तथा अपना  स्वयं का बिजनेस भी शुरू कर सकता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी ने अच्छी मंशा के साथ देश के युवाओं को रोजगार देने के मकसद से यह योजना लॉन्च की है। इस योजना के माध्यम से देश की सेना ने युवा जोश से परिपूर्ण रहेंगी। उन्होंने कहा कि 2 दिन के भीतर 17 से 21 वर्ष की जगह उम्र सीमा 23 वर्ष करने के पीछे मकसद जन भावनाओं का ध्यान  रखना है।

 

उन्होंने देश के प्रधानमंत्री स्व० श्रीमती इंदिरा गांधी के शासन को हिटलरशाही की संज्ञा देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस तरह के कार्य करने में विश्वास नहीं करते हैं इसलिए इस तरह की योजना लॉन्च की है। उन्होंने प्रदेश के युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि आपके क्षेत्र में जो भी प्रतिनिधि हैं विधायक हैं उन तक आप अपनी आवाज पहुंचा सकते हैं उनसे मिलकर अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचा सकते हैं उनकी आवाज सुनी जाएगी।  हिंसा का रूप अपनाना गलत है। चार धाम यात्रा के दौरान खच्चरों  की मौत के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चंपावत चुनाव के दौरान चार धाम यात्रा में खच्चरों की मौत की सूचना मिलते ही अगले दिन वह तुरंत रुद्रप्रयाग, केदारनाथ और सोनप्रयाग में मौके पर पहुंचे।

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उसके बाद वह गौरीकुंड पहुंचे जहां से खच्चरों की यात्रा शुरू होती है। उन्होंने कहा कि वहां पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ खच्चरों के मालिकों की भी कमियां पायीं गयीं। इस पर उनके द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं जिनका कि प्रतिफल भी मिल रहा है। मौके पर उन्हें खच्चरों के साथ क्रूरता के मामले भी सामने आए। जिसके बाद उनके द्वारा यह नियम मनाया गया कि जो घोड़ा 1 दिन में केदारनाथ तक जाएगा उसके बाद उसे अगले दिन आराम दिया जाएगा। वही खच्चर मालिकों की क्रूरता आदि की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 20 लोगों की टीम बनाई गई जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ डॉक्टर तथा खच्चर मालिक भी शामिल है। टीम का कार्य केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ा मालिकों के द्वारा घोड़ों के साथ क्रूरता आदि की घटनाओं का अंकुश लगाना है।

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9 घोड़ा मालिकों के खिलाफ एफआईआर भी कराई गई। वहीं 417 ऐसे घोड़ों को केदारनाथ तक ऊपर जाने से रोका जो शारीरिक रूप से कमजोर थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सरकार के अन्य मंत्रियों के समक्ष उनके द्वारा घोड़ों के लिए वाटरप्रूफ टीनशेड का प्रस्ताव रखा गया जिससे कि 43 लाख रुपए के बजट के साथ स्वीकृति दे दी गयी। जिसमें 1200 से 1500 घोड़े एक साथ एक बार में आराम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा चार धाम यात्रा के दौरान मृत घोड़ों के लिए उनके मालिकों को बॉडी बैक उपलब्ध कराए गए जिससे कि घोड़ों की मौत के बाद उन्हें सही तरीके से दफनाया जाए तथा इधर-उधर ना फेंका जा सके। वहीं बीते दिनों किसान नेता राकेश टिकैत के द्वारा आर एस एस परिवार के सदस्यों पर बलि प्रथा वाले परिवारों से आने के सवाल पर वह करनी काटते हुए उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत को ज्यादा गंभीरता से वह नहीं लेते हैं।

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