यदि कांग्रेस द्वारा श्रीमती सरिता आर्य जी जैसी एक सामान्य घरेलू महिला को
(1) नैनीताल नगरपालिका अध्यक्ष बनाना,
(2) 2012 में नैनीताल से विधायक बनाना,
(3) संसदीय सचिव, उत्तराखंड सरकार (कैबिनेट मंत्री) बनाना,
(4) 2017 में कांग्रेस के टिकेट पर नैनीताल से विधानसभा चुनाव लड़ाना,
(5) अनुसूचित जाति समाज की महिला होते हुये भी श्रीमती सरिता आर्य आपको महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड बनाना, यदि आपकी नज़रों में ये सब सम्मान नही है तो…..
मैं पूछना चाहता हूँ श्रीमती सरिता आर्य जी से कि आखिर आपकी नज़रों में सम्मान की परिभाषा क्या है ? क्या सिर्फ उन्हें ही टिकट मिलना ?
यदि जिस कांग्रेस में उन्हें इतना सम्मान दिया और आज सिर्फ एक बार टिकट ना मिलने की संभावना दिखने भर से ही संम्मान ना होना महसूस हुआ हो, तो उनके जीवन का मोल क्या जिन्होंने भा.ज.पा व समाज को अपना सम्पूर्ण जीवन बगैर किसी लालच व बगैर शर्त के समर्पित कर दिया ?
सरिता जी मैं व्यक्तिगत रूप से सिर्फ शुभकामनायें दे सकता हूँ, परंतु सत्य ये है कि आप अथवा आप जैसे वो लोग जो क्षेत्र, समाज व दल को सिर्फ अपने निजी लाभ के लिए छलते हैं, आप चाहे गोल्ज्यू के दरबार में कितना ही माथा टेक लें, देख लीजिएगा जल्द भी गोल्ज्यू न्याय करेंगे और ये न्याय आपको अवश्य ही महसूस होगा।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
👉 फ़ेसबुक पर पेज को लाइक और फॉलो करें