उत्तराखण्ड ज़रा हटके

रिखणीखाल क्षेत्र के 20-25 गाँवों के लोग किसी ऊँची चोटी में चढ़कर पाते हैं नेटवर्किंग संचार सेवा…..

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रिखणीखाल- रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम नावेतल्ली समेत कई गाँव के लोग संचार नेटवर्किंग सेवा से अछूते हैं। इस इलाके में अभी तक भारत संचार निगम लिमिटेड का एक ही टावर है,जो क्वीराली में स्थित  है।यह टावर 2जी है,जो क्षेत्र की पूर्ति नहीं कर पाता है।यह महीने में मात्र 10 दिन ही सेवा देता है।जबकि पूरे इलाके में लोगों के पास  बी एस एन एल के सिम हैं। लोग सिर्फ  रिचार्ज ही करते हैं। उनका रिचार्ज का पैसा  व्यर्थ जाता है।

 

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आम जनता महाप्रबंधक भारत संचार निगम लिमिटेड श्रीनगर व सहायक महाप्रबंधक को फोन करते करते ऊब गये हैं, लेकिन दो तीन दिन  चलने के बाद फिर वही हालत हो जाती है। अब प्रवासी कुछ बच्चे जो बाहरी प्रदेशों, शहरों से अपने गाँव आये हैं, वे अब गाँव की सबसे ऊंची पहाड़ी की चोटी पर चढकर अन्य टावरों की सहायता लेकर बातचीत करते हैं। अभी इसी क्षेत्र में एक बी एस एन एल टावर का निर्माण हुआ  है,लेकिन  अभी तक विभाग द्वारा इसको चालू नहीं किया गया  है।अब कौन सी घड़ी का इन्तजार हो रहा है।

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ये समझ से परे है।इस डिजिटल युग में होते हुए  भी लोग संचार  नेटवर्किंग सेवा से तंग आकर दुखी हो गये हैं। इस क्षेत्र का पूरे देश प्रदेश  से सम्पर्क कट चुका है।कई बार ऐसा कहते हुए  सुना है कि ये उत्तराखण्ड का दशक है। मैं ऐसे ही नहीं कह रहा हूं। सोच समझकर कह रहा हूँ। अब तो सन 2025 आने में भी कुछ  ही महीने बाकी हैं, जब उत्तराखण्ड देश का नम्बर  वन राज्य बनेगा। आम जनमानस की मांग  है कि जो नये टावर बने हैं, उन्हें अविलंब चालू किये जायें, तथा जो 2 जी के पुराने टावर  हैं उनको भी पुनर्जीवित करें, ताकि इलाके में संचार नेटवर्किंग सेवा बराबर चालू रहे।

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