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19 जुलाई 1827 – अमर बलिदानी भारत माता के महान सपूत मङ्गल पाण्डेय की जन्म जयन्ती पर कोटिशः नमन…..

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बैरकपुर की 24 नम्बर पलटन में मंगल पांडेय तैनात थे। कारतूसों में चर्बी की बात जंगल की आग की तरह फैल गई थी। अंग्रेजों के विरुद्ध रोष की लहर चल रही थी। 27 फरवरी 1857 बरहमपुर की 19 नंबर की पलटन ने नए कारतूस लेने से मना कर दिया। कर्नल मिचेल ने धमकी दी कि अगर सैनिक कारतूसों का प्रयोग नहीं करेंगे तो उन्हें वर्मा या चीन भेज दिया जाएगा।

 

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29 मार्च 1857 एक हाथ में तलवार व दूसरे हाथ में बंदूक लेकर वे बाहर निकले और अन्य सिपाहियों को धर्म युद्ध में शामिल होने का आह्वान करने लगे। पता लगते ही मेजर ह्यूसन वहां आ गया। उसने सामने खड़े सैनिकों को आज्ञा दी मंगल पांडे को गिरफ्तार करें पर कोई आगे नहीं बढ़ा। मंगल पांडे ने निशाना साध कर 1857 की क्रांति की पहली गोली मेजर ह्यूसन पर चला दी और क्रांति की वेदी पर पहली बलि चढ़ गई।

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