उत्तराखण्ड क्राइम रुद्रपुर

शिक्षा के नाम पर किया जा रहा व्यपार,स्कूल ड्रेस और कॉपी किताबों की खरीद के नाम पर प्राइवेट विद्यालयों की मनमानी….

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रुद्रपुर-स्कूल की ड्रेस और कॉपी किताबों की खरीद पर चल रही लूट पर तत्काल रोक लगाने हेतु रुद्रपुर जिला उधम सिंह नगर क्षेत्र के अंदर स्कूल ड्रेस और कॉपी किताबों की खरीद के नाम पर प्राइवेट विद्यालयों की मनमानी और कमीशनखोरी के कारण स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के मां-बाप को परेशान कर मानसिक प्रताड़ना दिया जा रहा है । स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माध्यम से जहां एनसीईआरटी किताबों के मामले में सरकार ने वाहवाही लूटी ।

 

साल भर तक कार्यवाई करीब ठीक-ठाक चली ,परंतु उसके बाद शासन प्रशासन और स्कूल मालिकों के साठ गांठ के कारण स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के माता पिता को कोविड-19 महामारी और आर्थिक तंगी के दौर में ऊँचें दामों में बच्चों की ड्रेस और कॉपी किताबों को खरीदने को मजबूर कर अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है। महोदय को अवगत कराना है कि रुद्रपुर क्षेत्र के अंदर अधिकतर स्कूलों के ड्रेस रुद्रपुर की जिम्मी गारमेंट्स के शॉप से ही लेने के लिए घरवालों पर स्कूल वाले प्रेशर बनाते हैं ।

 

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बच्चों के माध्यम से यह भी सुनने में आया है कि जिसका एक मोटा कमीशन स्कूल मालिकों को जाता है और जिस कारण मनमाने तरीके से जिम्मी गारमेंट्स जैसे कुछ कपड़ों के दुकानदार परिवार वालों को मनमर्जी रेट पर बहुत ही ऊंचे दाम पर कपड़े देते हैं और मना करने पर या पूछने पर बदतमीजी से पेश आते हैं ,

 

क्योंकि सीधे स्कूल और शासन प्रशासन से सांठगांठ होने के कारण स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक उक्त कठिनाइयों का सामना करते हुवे उक्त अपमान एवं प्रताड़ना को सहन करने को विवश हैं ।जिस पर अंकुश लगाने के लिए न्यायहित में तत्काल कार्यवाही करने की आवश्यकता है । उक्त संदर्भ में हम निम्नलिखित मांग करते हैं

 

1- कपड़ों के रेट सार्वजनिक किया जाए और कपड़ों के रेट को निश्चित किया जाए।
2-स्कूल के कपड़े और किताबों को कहीं से भी लेने की आजादी दी जाए ।किताब और कपड़े सार्वजनिक रूप से ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से सरकारी रेट प्रकाशित किया जाए।
3- उत्तराखंड के अंदर सारे स्कूलों की किताब एक जैसी की जाए ।सरकारी हो या प्राइवेट स्कूल शिक्षा में ऐसा भेदभाव करना बंद करे । प्रशासन और शासन को इस पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए ।तुच्छ लोगों ने सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल को जातिवाद की तरह बांट रखा है।इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए ।

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4- स्कूलों की फीस निर्धारित किया जाए और जो एक्स्ट्रा चार्जेस स्कूल में लिए जाते हैं एक्टिविटीज के नाम पर उस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए
5-सभी बच्चों को निशुल्क एवं एकसमान शिक्षा दी जानी चाहिए ।शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में बच्चों के भेदभाव करना बंद किया जाये ।
6- शिक्षा का व्यापार बंद किया जाए।और किताबों के रेट सभी के लिए एकसमान किया जाए।पाठ्य पुस्तकों को सार्वजनिक रूप पर प्रकाशित किया जाए।

 

7-जिन विद्यालयों से बच्चों के माध्यम से मां बाप के ऊपर स्कूल की एक्टिविटी के नाम पर प्रताड़ित कर पैसे लेने का मामला संज्ञान में आता है उस स्कूल की मान्यता रद्द की जाए।
8-स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की जांच की जाए । कई स्कूलों में दसवीं के बच्चों को दसवीं क्लास पढ़े हुए टीचर के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है ।ऐसे कई स्कूल रुद्रपुर के अंदर है, ऐसे स्कूलों पर उचित कार्यवाही की जाए और शिक्षा के मापदंड के अनुरूप कार्य कराने की कृपा करें ।उक्त कई स्कूल राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा संचालित हैं जिसमें प्रशासन पूरी मदद कर रही है।इसे बंद किया जाए।

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9- एनसीईआरटी की बुक्स आने के बाद भी प्राइवेट स्कूलों की किताबें अलग-अलग क्यों?अलग-अलग स्कूलों की किताब अलग-अलग क्यों और मनमाने तरीके से किताबों के रेट क्यों लिए जा रहा है दुकानदारों द्वारा ?इस पर तत्काल रोक लगाई जाये ।10-शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी बदलाव अभिभावक संघ और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता के अनुमति के बिना न किया जाये ।यह सुनिश्चित किया जाये ।
महोदय से निवेदन है कि उक्त बिंदुओं पर जल्द से जल्द कार्यवाही हो । अन्यथा जिला मुख्यालय के परिसर के अंदर बच्चों के अभिभावक धरना देने के लिए बाध्य होंगे।

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