उत्तराखण्ड ज़रा हटके हल्द्वानी

लोगो से मदद की गुहार लगा रही,खतरनाक बीमारी से जूझ रही पूनम….

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मरीज का नाम पूनम सिंह
पति का नाम अनिल कुमार
मरीज का पता _ मरीज गौलापार हल्द्वानी का निवासी है
मरीज की पारिवारिक स्थिति__ वर्तमान में मरीज का पति पूर्णतः बेरोजगार है और पिता ब्लड कैंसर के मरीज है ,,वही जैसे तैसे करके घर का खर्च चला रहे है
मोबाइल नंबर 90582 74304
मरीज का खाता संख्या-34426292872
Ifsc code -SBIN0016092
Bank name -SBI

 

हल्द्वानी-कैसे मरीज एक खतरनाक बीमारी और डॉक्टर्स के लूटने वाले जाल में फंस गया और कैसे एक गोल मटोल सबको हंसाने वाली लड़की खुद हंसना भूल गई जो आज जिंदगी मौत की जंग लड़ रही है हुआ कुछ यूं की जब पूनम कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन कर रही थी तो उसको पीरियड इरेगुलर हुए और सिर में दर्द होना शुरू हुआ जिसका उसने इलाज कराना शुरू किया लेकिन नाकामयाब हुई और सिर के दर्द से लड़ते हुए थकने लगी लेकिन फिर भी हिम्मत रखी और धीरे धीरे अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया।।

 

लॉकडॉउन के समय उसकी शादी हो गई लेकिन तब तक उसकी बीमारी पैर जमा चुकी थी उसका शरीर फूल रहा था लेकिन सब बोलने लगे की मोटी हो रही है क्योंकि पूनम पहले से गोल मटोल थी तो सबका ऐसा बोलना स्वाभाविक था लेकिन उसे क्या पता था की अंग्रेजी दवाएं उसके शरीर की खराब कर रही है लॉक डाउन के समय पूनम की शादी हो गई और फिर लॉकडाउन खुला तो उसके सिर दर्द का इलाज कराने वो पति के साथ श्री राम मूर्ति भोजीपुरा गई जहा उसका न्यूरो वाले डॉक्टर ने इलाज शुरू किया और कुछ जांचे करवाई जो सब सामान्य रही।फिर भी माइग्रेन मानते हुए उसको दवा दी गई जिसके 3 महीने बाद जब दोबारा जांच हुई तो पता चला की किडनी खराब हो गई है ।।

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। इसके बाद फिर मरीज को बचाने के लिए उसके पति ने वो हर संभव प्रयास किया जो कर सकता था ,,,इस दौरान हम श्री आयुर्वेदिक इलाज किया काशीपुर से फिर पतंजलि आयुर्वेद से इलाज शुरू किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली फिर देराबस्सी अस्पताल गए ,,पी जी आई  चंडीगढ़ गए और वह से फिर आकर श्री राम मूर्ति अस्पताल बरेली में भर्ती हुए जहा से मरीज का डायलिसिस शुरू हो की गई  और फिर यही से पूरी तरह से पति और पिता की कमाई खत्म होनी शुरू हो गई ,

 

,पति जो प्राइवेट रूप से काम करता था वो छूट गया,,और होम tusan देकर जो कमाता था वो भी अब छूने लगे और आज रोजगार का पूरा जरिया खत्म हो चुका है,,,,पिता और पति ने कर्ज लेकर इलाज कराना चालू रखा लेकिन इस दौरान दोनों आर्थिक रूप से टूट चुके और कर्जे में दबे हुए है अभी तक पूनम के इलाज में 5.5 लाख तक खत्म हो चुका है और आज भी पूनम जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है ,,,,,किडनी की बीमारी ने पिता को पति को कर्जदार बना दिया और सबको हंसाने वाली सबकी मदद करने वाली पूनम आज खुद हसने को मजबूर है

 

,,मदद को तरस रही है की काश कोई फरिश्ता बनकर उसको बचा ले डायलिसिस शुरू होने के बाद से पूनम फिर कभी संभल नहीं पाई उसको कोई न कोई परेशानी होती रही और विभिन्न जगह की दवाई खाते हुए हॉस्पिटल भर्ती होती रही ,,,डायलिसिस सुरू होने के बाद भी वो सब कुछ किया जिससे किडनी ठीक हो जाए लेकिन डायलिसिस की वजह से आए दिन हॉस्पिटल में भर्ती होते रही,,,जनवरी 2021 से डायलिसिस शुरू हुआ

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और श्री राम मूर्ति अस्पताल के इलाज के अलावा ,चंडीगढ़ से होम्योपैथी का इलाज लिया जिसने परिवार की कमर तोड़ दी लेकिन फायदा नहीं हुआ फिर इसके बाद बरेली आयुर्वेद भवन से ,,नूरपुर से ,पवलगढ से ,विनायक हॉस्पिटल बरेली,, सहोता हॉस्पिटल Kashipur,,, गोयल नेफ्रोलॉजी काशीपुर से इलाज करवाया वही डायलिसिस करवाए प्राइवेट रूप से लेकिन मरीज फंसता गया फिर कृष्ण हॉस्पिटल ,,, उजाला सिग्नस भी गए ,,,,

 

लेकिन आराम नहीं मिला,,, बेस अस्पताल हल्द्वानी से डायलिसिस तो चल ही रही थी लेकिन आराम नहीं मिल रहा था तो कई बार सुशीला तिवारी हॉस्पिल मे भरती हुई लेकिन अब हमे देखकर डॉक्टर भी बोलने लगे की हमारे पास आपकेलिये इलाज नहीं है इस लिए कही हायर सेंटर ले जाओ तो फिर 9 दिन श्री राम मूर्ति में आईसीयू में भर्ती किया ,दर्द में आराम तो नही मिला लेकिन बाई तरफ छाती में आईसीडी डाल दी जिससे दर्द और ज्यादा बड़ गया ,,,इसके बाद ना चाहते हुए फिर अपने शहर के नामी अस्पताल नीलकंठ में छाती वाले डॉक्टर को दिखाया और इलाज सुरू कियालेकिन 4 दिन बाद सांस लेने की परेशानी शुरू हुई और फिर 10 दिन सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में भर्ती हो गए लेकिन आराम नहीं मिला,,

 

थक हार कर मरीज ka पति मरीज को एम्स  ऋषिकेश जैसे तैसे करके ले गया लेकिन वहा भी एडमिशन नहीं दिया,,,लाख मिन्नते की लेकिन कोई नही माना और फिर जौलीग्रांट ले गया लेकिन वहा भी एडमिट नही  किया और मरीज को जबरदस्ती रिस्क पर बिना ऑक्सीजन हल्द्वानी वापस लाना पड़ा और घर पर रुपए कर्ज मे लिए और ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर मरीज को घर पर ही रखा इस समय तक मरीज का पिता और पति दोनो नेफिर कर्ज लियाकी कैसे मरीज को जिंदा रखा जाए ,,,,

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इस तरह की परिस्थितियों ने पूर्णतः कर्ज की ओर ला दिया ,,अब तो कर्ज वाले इतना परेशान करते है की फांसी लगाकर मर जाओ लेकिन क्या करे,,,,,टूट चुके है पूरी तरह। पूनम ने मदद के लिए समाजसेवी हेमंत गोनिया से आग्रह किया हेमंत गोनिया द्वारा उसे एम्स ऋषिकेश पर भर्ती कराया गया केंद्रीय पर्यटन रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा मदद की गई मुख्यमंत्री जी द्वारा भी फोन किया गया एम्स ऋषिकेश पर लेकिन मरीज को अभी तक एडमिट ही नहीं किया गया केवल इमरजेंसी पर रखा है बताया जा रहा है कि बेड खाली नहीं है होगा तो कर देंगे आप सभी से निवेदन है कि आप इस पूनम की मदद को आगे आएं

 

यही हम सभी का इंसानियत के नाते फर्ज है ₹1 भी एक व्यक्ति की देगा तो 1 लाख इकट्ठा हो जाएगा और पूनम की मदद हो जाएगी इस मैसेज को इतना शेयर करें ताकि यह मैसेज पुनः मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री तक पहुंच जाए और पूनम की मदद हो जाए यही हम सब का मानवता के नाते कर्तव्य है अधिक जानकारी के लिए आप समाजसेवी हेमंत गोनिया के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं 9897213226

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