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क्या निगम के कटान की आड़ में वन निगम लकड़ी तस्करों को करवा रहा है  मौज …….

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क्या वन निगम ही बन गया जंगलों का दुश्मन,59 पेड़ धरासाई।…………

रामनगर-प्रदेश को भले ही भ्रष्टाचार मुक्त कराने के लिए धामी सरकार लगातार प्रयास क्यों ना कर रही हो, लेकिन सरकारी नौकर ही माफियाओं के साथ मिलकर अवैध गोरखधंधे को बढ़ावा देते हुए दिखाई दे रहे हैं। भ्रष्टाचार का एक ऐसा ही मामला तराई पष्चिमी डिवीजन रामनगर के ज्वाला वन क्षेत्र में वन निगम लम्बे समय से अपनी युके लिप्टिस की लौट कटवा रहा हैं।

 

एक ही रात में 59 यूके लिप्टिस के पेड़ वन निगम की लौट से लकड़ी तस्कर काटकर फरार कैसे फरार हो गए…..

वन निगम के अधिकारी और कर्मचारी मोटा मुनाफा कमाने के लालच में लकड़ी तस्करों के वारे नियारे कर रहे है वन निगम के अधिकारीयो ओर कर्मचारियों का लालच इतना बढ़ गया हैं कि वन निगम की मिलीभगत के चलते वन निगम की लौट से 59 यूके लिप्टिस के पेड़ो को एक ही रात में तस्करों ने धरासाई कर लकड़ी लेकर फरार होने में कामयाब हो गए।

 

क्या वन निगम के आलाधिकारीयो की शह पर ही हो रहा है अवैध पेड़ो का कटान।……

और ना जाने कितने ही पेड़ इससे पहले वन निगम तस्करों के हवाले कर चुका हैं ये जांच का एक गम्भीर विषय हैं। वन माफिया और वन निगम की गठजोड़ से माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि कार्रवाई करने वाली वन विभाग की टीम पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे क्या है पूरा मामला देखिए हमारी एक स्पेशल रिपोर्ट

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क्या माफियाओं से वन निगम की सांठगांठ पर ही हुआ वन विभाग की टीम पर हमला…….

तराई पश्चिमी क्षेत्र में लकड़ी माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है की दिन का उजाला हो या फिर रात का अंधेरा वन माफिया अवैध रूप से जंगलों को काटते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन वन निगम द्वारा इन माफियाओं पर कोई भी कार्यवाही होती हुई दिखाई नहीं दे रही। कई किलोमीटर दूर बैठे वन विभाग की टीम को जब  जंगल में वन निगम की लौट से यूके लिप्टिस के अवैध पेड़ो को काटने की सूचना तो मिल जाती है ओर वन विभाग जब इन लकड़ी माफियाओं पर नकेल कसने की कोशिश करता है तो ये लकड़ी माफिया वन विभाग की टीम पर भी हमला करने से नही चूक रहे है

 

आखिर वन निगम क्यों नहीं कर रहा हैं लकड़ी माफियाओं के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई।…..

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लेकिन वन निगम को यूके लिप्टिस के पेड़ काटने की सूचना मिलने पर भी अपने आँख कान बंद करके बैठ जाते हैं। अपने लकड़ी माफिया दोस्तो पर कोई भी कार्यवाही करने को तैयार नही हो रहे हैं। वन निगम के लकड़ी माफियाओं के गठजोड़ ने लकड़ी माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद कर दिए है की कार्रवाई करने वाली वन विभाग की टीम पर भी माफिया हमला करने से नहीं चूक रहे।

 

कार्यवाही करने वाली टीम पर हमला करने से क्यों नहीं चूक रहे लकड़ी माफिया…..

एक बार फिर माफियाओं द्वारा वन विभाग कि टीम पर जानलेवा हमला किया गया है। वन विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि वन निगम क्षेत्र में यूकेलिप्टस के पेड़ों को अवैध रूप से चोरी छुपे काटा जा रहा था जिस पर कार्रवाई करने के लिए वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो माफियोओ ने अपने फार्म हाउस में यूकेलिप्टस की लकड़ी से भरी ट्रॉली को छिपाया दिया

 

क्या वन निगम के ही अधिकारी मोटा मुनाफा कमाने के लालच में ही कटवा रहे हैं लकड़ी माफियाओं को यूके लिप्टिस के पेड़।….

वन विभाग की टीम ने ट्रॉली बरामद कर उसे ले जाने का प्रयास किया तो इस दौरान सौ से अधिक वन तस्करो और उनकी महिलाओं ने टीम पर हमला कर दिया। हमले में फॉरेस्ट के दो वाहन क्षत्रिग्रस्त हो गये और एक वाहन चालक गुरमीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया है। लकड़ी तस्कर युकेलिप्टस की लकड़ी से भरी टैक्टर ट्रॉली को वन विभाग की टीम से जबरन छीन कर अपने साथ ले गए ओर फरार हो गये । वन विभाग की टीम ने घटना की जानकारी अपने आला अधिकारियों को दी और पुलिस में शिकायती पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही।

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आखिर प्रदेश में लकड़ी माफियाओं को किसका संरक्षण…..

वन निगम के कर्मचारियों ओर अधिकारियों से माफियाओं के गठजोड़ से लगातार प्रदेश में जंगलों का खात्मा होता हुआ दिखाई दे रहा है बेशकीमती लकड़ियों को काटकर माफिया लाखों के वारे न्यारे करते हुए दिखाई दे रहे हैं और वन निगम के संरक्षण के चलते लकड़ी माफिया वन विभाग की टीमों पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं ऐसे में देखने वाली बात होगी कि धामी सरकार ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कब कठोर एक्शन लेती हैं और लकड़ी माफियाओं के खिलाफ अपना बुलडोजर चलाने की कार्यवाही करती हैं।

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