हल्द्वानी- लालकुआँ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी डिवीजन की रनसाली रेंज में वन तस्करों द्वारा काटें गए दो दर्जन से अधिक खैर के पेड़ों की जांच में लापरवाह बना वन महकमा, कुमाऊँ कंजर्वेशन को दे रखी है मामले की, गुर्जरों की शिकायत पर दी मामले की जांच। लालकुआँ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी डिवीजन की रनसाली रेंज में वन तस्करों ने काटें दो दर्जन से अधिक खैर, शीशम,
और सागौन के पेड़,तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी डिवीजन के तेजतर्रार डीएफओ के छुट्टी पर जाते ही जंगल में घुसकर काट डाले वन तस्करों ने भारी संख्या में खैर के पेड़, वन गुर्जरों ने किया था मामले का खुलासा। तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी डिवीजन के तेजतर्रार डीएफओ के छुट्टी पर जाते ही काटें गए भारी संख्या में खैर के पेड़,वन रक्षकों की मिलीभगत से खेला गया खैर के पेड़ों की तस्करी का खेल,वन मुखिया के आदेश के बाद भी जांच में लापरवाह बना वन विभाग,डिवीजन में तैनात कई अधिकारी और रेंजर लगे मामले को रफादफा करने में,कल तक जो शिकायत कर रहे थे गुर्जर वह भी दे रहे हैं
विभागीय अधिकारियों का साथ,गुर्जरों के साथ वन विभाग के अधिकारियों की चल रही है समझौते को लेकर बातें,खुलासा करने वाले वन गुर्जरों को दिया जा रहा है वन विभाग की तरफ से ऑफर,मामला दबाने के लिए शिकायत करने वाले गुर्जरों पर बनाया जा रहा दबाव। अखिर इतने बड़ी खैर तस्करी को क्यों दबाने में लगा वन विभाग,देहरादून से आए वन मुखिया के आदेश को भी नही मान रहे सूबे की धामी सरकार के बेलगाम अधिकारी,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृहक्षेत्र से लगे जिले का है मामला,धामी सरकार में काटें जा रहे खैर के जंगल,खमौश वन विभाग।
मामले में दोषी कर्मचारी एवं अधिकारियों को बचाने के लिए कछुआ गति से चल रही खैर के पेड़ों की जांच, सूत्रों की माने तो अज्ञात तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर फाइल बंद करने की तैयारी में जांच अधिकारी,उच्च अधिकारी भी दे रहे हैं जांच में सहयोग, सवाल अखिर कौन है खैर तस्करी का सरगना, क्यों बचा रहा वन विभाग अपने चेहते तस्कर को।
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