उत्तराखण्ड क्राइम रुद्रपुर

रंजिशन हत्या के मामले में अदालत ने तीन आरोपियों को सुनाई आजीवन करावास की सज़ा..

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रूद्रपुर-(एम् सलीम् खान) अटरिया मेला में आइस क्रीम का स्टॉल लगाने को लेकर हुए विवाद की रंजिश के तहत एक युवक की निर्मम हत्या करने के आरोप में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने 2 भाइयों सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा दी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोड़ा ने बताया कि आवास विकास रुद्रपुर निवासी हर्ष अरोड़ा ने ही दाग़ साल पूर्व में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी की छह मई 2012 को दिन के लगभग तीन बजे वह है

 

अपने भाई गौरव आरोरा के साथ घर पर खाना आ रहे थे कि जगतपुरा निवासी दीपक बिष्ट ने आवाज़ लगायी जिसे सुनकर भाई बाहर गया तो बाहर दो लोग थे जो भाई को अपने साथ ले गए तभी उनकी माता जी आयीं जिन्होंने पूछा कि गौरव कहाँ गया है मेरे बताने पर माता जी ने कहा कि तुम मेरे साथ चलो तो अब वे लोग घर से चल दिए कुछ दूरी पर होली चौक स्थित ज नेस्ट पब्लिक स्कूल के सामने उन्होंने देखा की कुछ लोग उसके भाई गौरव अरोड़ा पर चाक़ू से ताबड़ तोड़ वार कर रहे हैं

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उन्होंने हल्ला मचाया तो पड़ोसी मनोज पन्त बचाने आया तो हमलावरों ने उस पर भी जान ले बाहर हमला करघायल कर दिया। हर्ष व उसकी माता ने लोगों के साथ मिलकर

 

गौरव को एक वाहन में डाल कर अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने अगले दिन 7 मई को लोकेंद्र सिंह,कपिल कुमार सिंह पुत्रगण अनिल कुमार सिंह निवासीगण चकेरी पंचगेई ज़िला कांशीरामनगर हाल निवासी आवास विकास रूद्रपुर तथा दीपक बिष्ट पुत्र आलम सिंह
निवासी जगतपुरा रूद्रपुर को गिरफ़्तार कर लिया और कपिल कुमार सिंह ने करतारपुर रोड से चीमा फार्म को जाने वाली सड़क से आला कतल चाकू बरामद करवा दिया।

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हर्ष ने बताया कि २ साल पहले अटरिया मेला में आइसक्रीम का स्टाल लगाने को लेकर विवाद हो गया था जिसको लेकर मनी हमसे चिढता था।6 मई 2012 को मनी हमें पुरानी रंजिश को लेकर खरी खोटी सुनाने लगा एतराज़ करने पर वह अपने साथियों को बुला लाया और मुझे बाहर सड़क पर बुलाने लगा पर मैं नहीं गया तो गौरव को बुलाकर ले गए और उसकी निर्मम हतया कर दी।पुलिस ने तीनों को हतया के आरोप में गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया,

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तीनों के विरूद्ध प्रथम अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर के न्यायालय में मुक़दमा चला जिसमें एडीजीसी दीपक अरोरा ने 13 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद एडीजे सुशील तोमर ने तीनों को धारा 302/34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास व 5000 रूपये जुर्माने की सज़ा सुनाई साथ ही कपिल को धारा 4/25 शस्त्र अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास और 500 रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई।

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